चंडीगढ़ में अब फुटबॉलर्स के साथ कोच भी तैयार करेगी मिनर्वा अकादमी, शुरू हुआ कोचिंग का डी लाइसेंस कोर्स
मिनर्वा फुटबॉल अकादमी अपने फुटबॉल ग्राउंड में कोचिंग के डी-लाइसेंस कोर्स करवा रहा है। छह दिन के इस कोर्स को करने में युवा खासी रूचि दिखा रहे हैं। अकादमी के मालिक रंजीत बजाज ने कहा कि भविष्य में सी बी और ए कैटेगरी के लाइसेंस कोर्स भी करवाएंगे।
चंडीगढ़, जेएनएन। मिनर्वा फुटबॉल अकादमी मोहाली स्थित अपने फुटबॉल ग्राउंड में कोचिंग के डी -लाइसेंस कोर्स करवा रहा है। छह दिन के इस कोर्स को करने में युवा खासी रूचि दिखा रहे हैं। इस कोर्स को करवाने के लिए अकादमी ने ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन और पंजाब फुटबॉल एसोसिएशन से करार किया है। मिनर्वा फुटबाल अकादमी के मालिक रंजीत बजाज ने बताया कि देश में अभी अनुभवी फुटबॉल कोचों की कमी है। फुटबॉल में पिछड़ने के पीछे मुख्य वजह भी यही है।
देश में फुटबॉल को पहली पंक्ति में लाने के लिए हम लगातार प्रयासरत हैं। हम इस स्थिति में बदलाव चाहते हैं और इसलिए हमारी कोशिश है कि हम इस कमी को पूरा करने के लिए एक सेतु का काम करें। जिससे खेल और खिलाड़ियों को इसका फायदा मिल सके। उन्होंने कहा कि जब देश में ज्यादा कोच होंगे, तो यकीनन वह खिलाड़ियों को बेहतर ढंग से तैयार कर सकेंगे। जब खिलाड़ी अच्छे होंगे तो इससे देश में फुटबॉल का स्तर अपने आप सुधर जाएगा। कोचिंग के डी लाइसेंस कोर्स करने के बाद कोच खिलाड़ियों को काफी हद तक तैयार कर सकता है।
रंजीत बजाज ने कहा कि यह शुरूआत है, भविष्य में हम सी, बी और ए कैटेगरी के लाइसेंस कोर्स भी करवाएंगे। उन्होंने बताया कि हमनें दिसंबर महीने में तीन बैच में डी लाइसेंस कोर्स करवाए। इसी कड़ी में पांच जनवरी से चौथा डी लाइसेंस कोर्स आयोजित करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के बावजूद उनकी अकादमी में बॉयो -बबल प्रोटोकॉल की भी सुविधा है। देश में मिनर्वा फुटबॉल अकादमी इकलौती ऐसी अकादमी है जिसमें यह सुरक्षा उपाय भी उपलब्ध है।
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