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Navjot Singh Sidhu Road Rage Case: नवजोत सिंह सिद्धू के पास अब क्यूरेटिव पिटीशन ही अंतिम विकल्प, कानूनविदों की राय अलग-अलग

Navjot Singh Sidhu Road Rage Case सुप्रीम कोर्ट द्वारा रो रेज केस में सजा सुनाए जाने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू के पास अब एक ही विकल्‍प है। वह अब क्‍यूूरेटिव पिटीशन ही दायर कर सकते हैं। वैसे इसको लेकर कानूनविदों की अलग - अलग राय है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 19 May 2022 08:21 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 08:42 AM (IST)
Navjot Singh Sidhu Road Rage Case: नवजोत सिंह सिद्धू के पास अब क्यूरेटिव पिटीशन ही अंतिम विकल्प, कानूनविदों की राय अलग-अलग
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Navjot Singh Sidhu Road Rage Case: पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट की ओर से सजा सुनाए जाने के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि सिद्धू के पास अब क्या-क्या विकल्प मौजूद हैं। इस बारे में कानून के जानकारों की राय अलग-अलग है। बताया जा रहा है कि सिद्धू अब भी क्‍यूरेटिव पिटीशन दायर कर सकते हैं। 

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कानून के कुछ जानकाराें के अनुसार, सिद्धू के पास जेल जाने के सिवा कोई चारा नहीं 

कुछ जानकारों का कहना है कि सिद्धू को पहले हाई कोर्ट से सजा हुई थी और सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा को रद कर दिया था। इस पर पीडि़त परिवार ने पुनर्विचार याचिका दायर की और अब इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुजा सुनाई है। ऐसे में सिद्धू के पास जेल जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।

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वहीं, कुछ कानून विशेषज्ञों का कहना है कि सिद्धू के पास अब भी क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने का अंतिम मौका है, जिस पर फैसला आने तक उनको जेल जाने की जरूरत नहीं है। इस मामले में यह साफ है कि एक बार तो सिद्धू को सरेंडर करना पड़ेगा।

क्या है क्यूरेटिव पिटीशन

क्यूरेटिव पिटीशन तब दाखिल की जाती है, जब किसी मुजरिम की सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी जाती है। ऐसे में क्यूरेटिव पिटीशन उस मुजरिम के पास मौजूद अंतिम मौका होता है, जिसके जरिए वह अपने लिए सुनिश्चित की गई सजा में नर्मी की गुहार लगा सकता है। इसमें फैसला आने के बाद मुजरिम के लिए आगे के सभी रास्ते बंद हो जाते हैं।

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यह है प्रक्रिया

क्यूरेटिव पिटीशन का किसी सीनियर वकील द्वारा सर्टिफाइड होना जरूरी है। इसके बाद इस पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट के तीन सीनियर मोस्ट जजों व जिन जजों ने फैसला सुनाया था, उनके पास भी भेजा जाना जरूरी होता है। अगर इस बेंच के ज्यादातर जज इस बात पर सहमत होते हैं कि मामले की दोबारा सुनवाई होनी चाहिए, तब क्यूरेटिव पिटीशन को वापस उन्हीं जजों के पास भेज दिया जाता है।

 दोनोंं पक्षों की ओर से वकील कांग्रेसी  

पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से केस लड़ने वाले अभिषेक मनु सिंघवी और पीडि़त पक्ष के वकील सुधीर वालिया दोनों कांग्रेसी हैं। सुधीर वालिया गुरदासपुर के निवासी हैं और 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान वे गुरदासपुर से कांग्रेस की टिकट के बड़े दावेदार थे। यही नहीं, सिद्धू जब पंजाब कांग्रेस के प्रधान थे तो सुधीर वालिया ने उनके नेतृत्व में 2022 में कांग्रेस उम्मीदवार के हक में चुनाव प्रचार भी किया था।


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