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    क्रिकेट का गढ़ चंडीगढ़, देश को दिए कई बड़े प्लेयर, कपिल देव, युवराज, शुभमन गिल जैसे खिलाड़ियों ने पहनी नीली जर्सी

    By Ankesh ThakurEdited By:
    Updated: Sat, 29 Jan 2022 02:54 PM (IST)

    चंडीगढ़ क्रिकेट हब बन चुका है। शहर के ऐसे कई दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ी निकल चुके हैं जोकि शहर का ही नहीं बल्कि देश का नाम भी विदेशों में चमका चुके हैं। इन दिनों अंडर-19 वर्ल्ड कप में चंडीगढ़ के दो युवा क्रिकेटर खेल रहे हैं।

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    कपिल देव, युवराज सिंह और शुभमन गिल चंडीगढ़ से निकले हुए खिलाड़ी हैं।

    विकास शर्मा, चंडीगढ़। वेस्टइंडीज में खेले जा रहे आइसीसी अंडर-19 विश्व कप में भारतीय टीम में चंडीगढ़ के दो युवा खिलाड़ी खेल रहे हैं। राजअंगद बावा और हरनूर सिंह ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। यह पहला मौका नहीं है जब शहर के क्रिकेटर्स ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ी हो। इससे पहले भी शहर से कई इंटरनेशनल स्तर के क्रिकेटर्स निकल चुके हैं। इन खिलाड़ियों में क्रिकेट वर्ल्ड कप विजेता टीम के कप्तान कपिल देव, चेतन शर्मा, अशोक मल्होत्रा, योगराज सिंह, सिक्सर किंग युवराज सिंह, दिनेश मोंगिया, वीआरवी सिंह, सिद्धार्थ कौल और शुभमन गिल जैसे कई इंटरनेशनल स्तर के क्रिकेटर्स हैं।

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    युवराज, सिद्धार्थ और शुभमन भी अंडर-19 विश्व विजेता टीम का हिस्सा

    शहर के ज्यादातर इंटरनेशनल क्रिकेटर्स ने अंडर-19 विश्वकप से ही निकले हैं। सिक्सर किंग युवराज (वर्ष- 2000), रितेंदर सिंह सोढ़ी (वर्ष -2000) वीआरवी सिंह (वर्ष -2004) और सिद्धार्थ कौल (वर्ष-2008) में अंडर-19 विश्व कप खेल चुके हैं। युवराज सिंह तो अंडर-19 विश्वकप में प्लेयर ऑफ सीरीज थे। यह विश्व कप भी टीम इंडिया ने जीता था। वर्ष 2018 में भी भारतीय टीम ने विश्व कप जीता था। साल 2018 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में ट्राईसिटी के शुभमन गिल और अर्शदीप सिंह ने भारतीय टीम की तरफ से खेलते हुए विश्व कप जीता था।  शुभमन गिल इस टूर्नामेंट में मैन ऑफ द सीरीज चुने गए थे। उन्होंने इस टूर्नामेंट के पांच मैचों में 124 की औसत से 372 रन बनाए थे, जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 112.38 रहा था। उन्हें उनकी शानदार औसत के लिए यूथ क्रिकेट में जूनियर डॉन ब्रेडमैन कहा जाता है।

    खेल को प्रमोट करने में डीपी आजाद का सबसे बड़ा योगदान

    शहर को क्रिकेट हब बनाने में सबसे बड़ा योगदान किकेट के पहले द्रोणाचार्य अवार्डी स्वर्गीय देश प्रेम आजाद का है। डीपी आजाद पहले क्रिकेट कोच थे, जिन्हें उनकी सेवाओं के लिए खेल मंत्रालय ने 1986 को द्रोणाचार्य अवार्ड दिया था। डीपी आजाद ने वर्ल्ड कप -1983 विजेता के कप्तान कपिल देव, वर्ल्ड कप में हैट्रिक लगाने वाले चेतन शर्मा, योगराज सिंह और अशोक मल्होत्रा जैसे क्रिकेटर दिए। जिन्होंने देश दुनिया में अपनी प्रतिभा से क्रिकेट के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए। अकेले डीपी आजाद 300 से ज्यादा फर्स्ट क्लास क्रिकेट तैयार किए, जोकि खुद में एक रिकार्ड है।

    बेहतर क्रिकेट इंफ्रास्ट्रक्चर का भी मिला फायदा

    शहर में बेहतर क्रिकेट इंफ्रास्ट्रक्चर है। ट्राईसिटी में मौजूदा समय में चार इंटरनेशनल स्तर के क्रिकेट स्टेडियम हैं। इनमें आइएस बिंद्रा क्रिकेट स्टेडियम मोहाली, क्रिकेट स्टेडियम-16, महाराजा यादविंदर सिंह मुल्लांपुर क्रिकेट स्टेडियम और पंचकूला का ताऊ देवीलाल क्रिकेट स्टेडियम है। क्रिकेट स्टेडियम -16 और पीसीए आइएस बिंद्रा क्रिकेट स्टेडियम मोहाली तो इंटरनेशनल टूर्नामेंट्स का आय़ोजन भी हो चुका है। मुल्लांपुर क्रिकेट स्टेडियम अभी निर्माणाधीन है। जो जल्द बनकर तैयार हो जाएगा।