चंडीगढ़ में बुक रीडिंग का क्रेज, पुस्तकालयों में रहती है भीड़
पंजाब में पुस्तकों के प्रति लोगों में खासा लगाव रहा है और यह आज भी कायम है। चंडीगढ़ के लोगों में भी किताबों के प्रति खासी रुचि रही है। यहां आज भी बुक रीडिंग का क्रेज है।
चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। पंजाब में पुस्तकों और साहित्य का संसार काफी समृद्धि रहा है। यहां पुस्तकों के प्रति लाेगों का रुझान और लगाव हमेशा से रहा है अौर कमोबेश पूरे राज्य में आज भी यह बरकरार है। रविवार को विश्व पुस्तक दिवस है। ऐसे में आकलन करने पर पता चला कि इंटरनेट के तेज रफ्तार युग में भी लोगों की पुस्तकों के प्रति रुचि कम नहीं हुई है। चंडीगढ़ जैसे दौड़ते-भागते शहर में भी लाेगों में बुक रीडिंग का क्रेज घटने के बजाए दिनोंदिन बढ़ रहा है।
शहर में 12 सार्वजनिक पुस्तकालय हैं और इनमें काफी भीड़ नजर आती है। यहां हर आयु वर्ग के लोग नजर आते हैं और अपनी रुचि के अनुसार किताबें पढ़ते हैं। सभी पुस्तकालयों में हिंदी, इंग्लिश, पंजाबी और उर्दू भाषा में किताबें उपलब्ध हैं। इसके अलावा रीडिंग को बढ़ावा देने के लिए पुस्तकालय किताबों को डिजिटल स्वरूप भी दे रहे हैं। बच्चों को इसकी तरफ आकर्षित करने के लिए शॉर्ट फिल्में बनाई गई हैं। देश की भाषाओं के अलावा अमेरिकन और ब्रिटिश काउंसिल ने भी लाइब्रेरी खोली है।
चंडीगढ़ के 12 पुस्तकालयों में रोज आते हैं 40 हजार रीडर, ऑनलाइन किताबों के बावजूद रीडर की नहीं कमी
सेक्टर17 स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी में अमेरिकन सेक्शन का निर्माण किया गया है। इसी प्रकार ब्रिटिश काउंसिल ने भी अपनी लाइब्रेरी बनाई है, जहां पर विश्व के एक सौ देशों की पुस्तकें उपलब्ध हैं। शहर की प्रमुख लाइब्रेरियों में सेक्टर 34 स्थित डिविजनल लाइब्रेरी, सेक्टर 17 स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी और मनीमाजरा शामिल हैं।
चंडीगढ़ के सेंट्रल लाइब्ररी में पुस्तक पढ़ते लोग।
डिविजनल लाइब्रेरी शहर की सबसे बड़ी लाइब्रेरी है। इसमें 22 हजार सदस्य हैं। यहां पर लाइब्रेरी के लिए दो फ्लोर और एक बेसमेंट बना हुआ है, लेकिन लोगों का हजूम ऐसा रहता है कि लोगों को फर्श पर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है। ऐसा ही हाल सेक्टर 17 स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी और मनीमाजरा का भी है। यहां पर भी रोजाना हजारों की संख्या में लोग आते हैं। लोगों की संख्या कहीं ज्यादा है और बैठने की जगह बहुत कम है।
सेंट्रल लाइब्रेरी सेक्टर-34
सदस्य : 22 हजार
किताबें : एक लाख 35 हजार किताबें और 50 लाख ई बुक्स
सीडी : तीन हजार
स्पेस : दो फ्लोर और एक बेसमेंट
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सेंट्रल लाइब्रेरी, सेक्टर-17
सदस्य : 50 हजार
किताबें : दो लाख 60 हजार
वीसीडी और सीडी : पांच हजार
स्पेस : दो फ्लोर और गार्डन
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मनीमाजरा लाइब्रेरी
सदस्य : 2100
बुक स्टॉक : 25 हजार
स्पेस : दो कमरे
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जीएसएसएस-27 लाइब्रेरी
सदस्य : स्कूल के विद्यार्थी और बाहरी लोग
किताबें : 17,638
स्पेस : एक हाल
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बढेहड़ी लाइब्रेरी
सदस्य : 961
बुक्स : 10,000
स्पेस : दो कमरे
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सेक्टर-45 में रीडिंग रूम
सदस्य : पांच हजार
न्यूजपेपर : 13
मैग्जीन : 25
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ब्रिटिश लाइब्रेरी एलांते मॉल
सदस्य : पांच हजार
ई लर्निंग, सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन : 40 हजार
जरनल : सात हजार
ई लेक्चर : साढ़े तीन लाख
ओडियो : 38
ई मूवी : तीन हजार
ई बुक्स : सवा दो लाख
ग्राफिक्स : 16,000
ओडियो बुक्स : एक हजार
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मौलीजागरां लाइब्रेरी
सदस्य : पांच हजार
किताबें : आठ हजार
न्यूजपेपर : 12
मैग्जीन : 15
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बहलाना लाइब्रेरी
सदस्य : 1500
किताबें : 10,000
न्यूज पेपर : 12
मैग्जीन : 16
सीडी और डीवीडी : पांच सौ
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गांधी स्मारक भवन सेक्टर-16
सदस्य : 12,000
किताबें : एक लाख दो हजार
न्यूज पेपर : 12
मैग्जीन : आठ
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लाला लाजपत राय पुस्तकालय, सेक्टर-15
सदस्य : 11,000
किताबें : 18000
न्यूज पेपर : 18
मैग्जीन : 16
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बेअंत सिंह मेमोरियल पुस्तकालय, सेक्टर-42
सदस्य : छह हजार
किताबें : 20,000
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'' किताबों के प्रति प्रेम को बढ़ाने की बहुत जरूरत है। समय के साथ बहुत बदलाव हुआ है जिसके कारण युवा लाइब्रेरी नहीं जाना चाहता है। मोबाइल से ही पुस्तकों को पढ़ने का रूझान बढ़ रहा है।
- डॉ. आइआर राव, लेखिका।
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'' लाइब्रेरी का रूझान बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। युवाओं और बजुर्गों के साथ बच्चों का रूझान भी किताबों की ओर आए इसके लिए ओडियो और वीडियो का निर्माण किया जा रहा है। लाइब्रेरी में ही शॉर्ट फिल्मों को दिखाया जाने लगा है। इसके कारण बच्चों का रूझान लाइब्रेरी की तरफ मुड़ेगा।
- अंजु गुप्ता, लाइब्रेरी इंचार्ज, सेंट्रल लाइब्रेरी सेक्टर-17
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