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    Chandigarh: विघ्न विनाशक गणपति सीमा पर हरेंगे सैनिकों के कष्ट, बुलेट सवार गणेश भी पहुंचेंगे भक्तों के घर

    By Ankesh ThakurEdited By:
    Updated: Sun, 05 Sep 2021 01:43 PM (IST)

    गणपति बप्पा मोरेया... गणेश चतुर्थी को लेकर गणपति बप्पा की मुर्तियां तैयार होने लग गई है। चंडीगढ़ में विभिन्न जगहों पर कारिगर मुर्तियां बनाने में जुट गए हैं। गणपति बप्पा देश की सीमा पर तैनात हमारे सैनिकों की रक्षा कर उनके कष्ट भी हरेंगे।

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    लद्दाख ले जाने के लिए मूर्तियों की खरीदारी करने पहुंचे सेना के जवान।

    चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। गणपति बप्पा मोरेया... गणेश चतुर्थी को लेकर गणपति बप्पा की मुर्तियां तैयार होने लग गई है। चंडीगढ़ में विभिन्न जगहों पर कारिगर मुर्तियां बनाने में जुट गए हैं। गणपति बप्पा देश की सीमा पर तैनात हमारे सैनिकों की रक्षा कर उनके कष्ट भी हरेंगे। 10 सितंबर को मनाई जाने वाली गणेश चतुर्थी को लेकर शहर के मूर्तिकार गणपति की मूर्ति बनाने और लोग मूर्तियों की खरीदारी करने में जुट गए हैं। 

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    मोहाली के जीरकपुर में बनाई जा रही भगवान गणपति की मूर्तियों का क्रेज शहर में ही नहीं बल्कि सेना के जवानों में भी देखा जा रहा है। रविवार को सेना के जवान भगवान गणपति मुर्तियों की खरीदारी करने जीरकपुर पहुंचे थे।  यहां से गणेश जी की मूर्तियों को लेकर लद्दाख ले जाया जाएगा। सेना के जवान सुमित ने बताया कि हर त्योहार सीमा पर ठीक उसी प्रकार से मनाया जाता है जैसे भारत के अन्य राज्यों में मनाया जाता है। लद्दाख में जो भी सैनिकों की टुकड़ी हैं वहां पर सभी गणपति की स्थापना करेंगे, पूजा होगी और उसके बाद धूमधाम से उम्मीदों के साथ गणपति का विर्सजन किया जाएगा। जल्द ही यह मूर्ति सीमा पर पहुंचाई जाएंगी। सेना के जवान गणेश ने बताया कि सेना के त्योहारों में स्थानीय लोग भी शामिल होते हैं। इससे आपसी प्रेम और भाईचारा बढ़ता है।

    कारिगरों द्वारा बनाई गई भगवान गणेश की मनमोहक मूर्तियां। 

    बुलेट पर सवार गणेश बने भक्तों के आकर्षण का केंद्र

    जीरकपुर में बनाई जा रही गणपति मूर्ति में इस बार का मुख्य आकर्षण बुलेट पर सवार गणपति है। मूर्तिकार फूल चंद ने बताया कि गणपति को पत्ते से लेकर मूषक, हाथी पर बिठाया जाता है। हर भक्त श्रद्धा के अनुसार मूर्ति को लेकर जाता है। इस बार बच्चों और युवाओं की पसंद को देखते हुए बुलेट पर सवार गणपति की मूर्तियां भी बनाई गई हैं। ढाई हजार के करीब मूर्तियां बनाई गई है जिसमें से 15 सौ की बुकिंग हो चुकी है और दो सौ मूर्तिया बुलेट पर सवार गणेश की डिमांड है।

    बुलेट बाइक पर सवार भगवान गणेश की मूर्ति।

    आस्था का प्रतीक है गणपति बप्पा

    गणपति मूर्ति लेने हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ से पहुंची श्रद्धालु इंदु ने बताया कि वह महाराष्ट्र से है लेकिन काम के चलते हिमाचल में रह रही हैं। इंदू 12 साल से भगवान गणपति की पूजा कर रही है। गणपति की स्थापना पांच से छह दिन पहले की जाती है। इसलिए आज मूर्ति लेने आई है। दो से तीन दिन में भगवान गणपति की स्थापना के बाद पूजा पाठ किया जाएगा। वहीं खरीदार अमृत ने बताया कि भगवान गणपति के प्रति श्रद्धा है। इस बार आकर्षक गणपति स्थापित करने के साथ ऐसी मूर्ति लेने का प्रयास रहेगा जो कि विर्सजन के बाद मिट्टी में घुल जाए और प्रकृति को किसी प्रकार की परेशानी न दे।