Chandigarh: फर्जी GST धारकों पर नकेल, दो डीलरों का जीएसटी नंबर किया सस्पेंड; 15 जुलाई तक चलेगा अभियान
फर्जी जीएसटी नंबर लेकर कारोबार करने का खेल किया जा रहा है।प्रशासन के आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा फर्जी जीएसटी करदाताओं पर नजर रखने के लिए एक अभियान चलाया गया। यह अभियान 15 मई से 15 जुलाई तक चलाया जा रहा है।
चंडीगढ़, जागरण संवाददाता: चंडीगढ़ में फर्जी जीएसटी नंबर लेकर कारोबार करने का खेल किया जा रहा है।प्रशासन के आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा फर्जी जीएसटी करदाताओं पर नजर रखने के लिए एक अभियान चलाया गया। यह अभियान 15 मई से 15 जुलाई तक चलाया जा रहा है।
प्रशासन के अनुसार अब तक अभियान के दौरान की गई फिजीकल वेरिफिकेशन में चार डीलर अपने बिजनेस परिसर में नहीं मिले। यही कारण है कि दो डीलरों का जीएसटी नंबर सस्पेंड कर दिया है और जीएसटी एक्ट के तहत 37.99 लाख रुपए की आईटीसी को ब्लाक कर दिया है, ताकि डीलर इसका लाभ न उठा सकें। बाकी दो में से एक डीलर ने जीएसटी नंबर खारिज करने के लिए आवेदन दिया है, जबकि दूसरे का जीएसटी नंबर खारिज करने के लिए विभाग की तरफ से नोटिस जारी कर दिया गया है।
इसके अलावा अब उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों से सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं, जिसमें चंडीगढ़ की फर्मों द्वारा उनके राज्यों के गैर-मौजूद आपूर्तिकर्ताओं से आईटीसी के प्राप्तकर्ताओं के विवरण की सूचना दी जा रही है। चंडीगढ़ के करदाताओं द्वारा इन गैर-मौजूद आपूर्तिकर्ताओं से की गई खरीददारी से प्राप्त आईटीसी को ब्लाक कर दिया जाएगा और कानून के अनुसार वसूल किया जाएगा।
फर्जी जीएसटी करदाताओं के खिलाफ होगी कार्रवाई
उधर यूटी प्रशासन की जीएसटी से होने वाली कमाई लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन इसके बावजूद शहर में फर्जी जीएसटी पंजीकरण करवाकर कई लोग गलत लेनदेन और इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठा रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, फर्जी जीएसटी करदाताओं के खिलाफ जीएसटी कानून के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
जीएसटी कलेक्शन का ये है आंकड़ा
प्रशासन जमकर जीएसटी की कलेक्शन कर रहा है। अकेले अप्रैल माह में 255 करोड़ का जीएसटी कलेक्शन हुआ है, जबकि पिछले साल अप्रैल माह में 249 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। जीएसटी पेट्रोल और शराब को छोड़कर अन्य पर वसूला जाता है। इस साल मार्च माह में 202 करोड़ का जीएसटी कलेक्शन हुआ था, जबकि मार्च 2022 में 184 करोड़ रुपये एकत्रित हुए थे।
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