लॉरेंस-गोल्डी गैंग के गुर्गों को तगड़ा झटका, भुप्पी राणा मर्डर प्लान में गिरफ्तार 3 शूटर्स को बरी करने की अर्जी खारिज
चंडीगढ़ की जिला अदालत ने लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग के तीन सदस्यों की डिस्चार्ज अर्जी खारिज कर दी है। इन पर गैंगस्टर भुप्पी राणा की हत्या की साजिश रचने का आरोप था, जिसके चलते इन्हें गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने यूएपीए के तहत दर्ज मामले में आरोपियों को बरी करने से इनकार कर दिया। अब इन आरोपियों पर मुकदमा चलेगा।

लारेंस-गोल्डी बराड़ गैंग के तीन साथियों को बरी करने से कोर्ट का इनकार (फाइल फोटो)
रवि अटवाल, चंडीगढ़। जिला अदालत ने कुख्यात गैंग्स्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ की गैंग से जुड़े तीन आरोपितों उमंग, परविंदर उर्फ पिंडु और अनमोलप्रीत सिंह की डिस्चार्ज अर्जी खारिज कर दी हैं।
पिछले साल चंडीगढ़ पुलिस ने इन तीनों को एक गैंग्स्टर भुप्पी राणा की कोर्ट में पेशी के दौरान हत्या करने की साजिश रचने के आरोप में पकड़ा था। इन पर अनलाफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट(यूएपीए) की गंभीर धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज की गई थी।
इनके वकील ने केस में यूएपीए जोड़ने पर सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि पुलिस ने यूएपीए की धारा 45(2) और 2008 के नियमों का पालन नहीं किया।
यह काफी गंभीर कानून है जिसे आमतौर पर आतंकियों के खिलाफ लगाया जाता है और इसकी जांच डीएसपी रैंक का अधिकारी करता है, लेकिन चंडीगढ़ पुलिस ने इसकी जांच एक सब इंस्पेक्टर को दे रखी थी। इसी आधार पर आरोपितों ने डिस्चार्ज अर्जी दायर कर बरी किए जाने की मांग की थी।
हालांकि सरकारी वकील ने इन दलीलों का विरोध किया और कहा कि कानून का पालन करते हुए आरोपितों पर यूएपीए लगाया गया था और बाद में जांच डीएसपी उदयपाल को सौंप दी गई थी। ऐसे में जज ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपितों को केस से बरी करने की अर्जी को खारिज कर दिया।
26 फरवरी 2024 को सेक्टर-42 लेक की पार्किंग में पुलिस को सूचना मिली कि दो युवक सेक्टर-43 जिला अदालत के पास एक्टिवा पर हथियार लेकर घूम रहे हैं। पुलिस ने मौके से सनी उर्फ सचिन उर्फ मैडी मनचंदा और उमंग को गिरफ्तार किया, जिनके पास से पिस्टल और जिंदा कारतूस मिले।
दोनों के बयान पर पुलिस ने कैलाश चौहान उर्फ टाइगर को भी हथियारों सहित पकड़ पिया। इसके बाद अनमोलप्रीत, परविंदर और माया उर्फ कशिश और बलजीत को भी गिरफ्तार किया गया।
पुलिस के मुताबिक सभी गैंगस्टर भुप्पी राणा की हत्या करने की साजिश में शामिल थे। भुप्पी राणा को किसी केस के चलते चंडीगढ़ कोर्ट में पेश किया जाना था और आरोपित कोर्ट में ही उसे खत्म कर देना चाहते थे।
यह सभी आरोपित गोल्डी बराड़ के इशारे पर इस हत्या को अंजाम देने आए थे, लेकिन उससे पहले ही यह पकड़े गए। पुलिस को आरोपित परविंदर उर्फ पिंडु के फोन से एक रिकार्डिंग मिली थी जो कि गोल्डी बराड़ की थी।
पुलिस ने रिकॉर्डिंग की जांच के लिए फोन को सीएफएसएल भेजा। इसका मिलान गोल्डी बराड़ की पुलिस के पास पहले से मौजूद एक पुरानी वाइस रिकॉर्डिंग से किया गया। फॉरेंसिक जांच में यह स्पष्ट हो गया कि यह काल रिकार्डिंग गोल्डी बराड़ की ही थी। यानी उसी ने गैंग्स्टर भुप्पी राणा की हत्या की साजिश रची थी, जिसके लिए उसने अपने गुर्गे भेजे थे।
अब सभी आरोपितों के खिलाफ आरोप तय होकर मुकदमा शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है। पुलिस ने पिछले साल इनके खिलाफ यूएपीए की धारा 17, 18, 18बी, 20, आइपीसी की धारा 120बी, 201, 419, 471 और आर्म्स एक्ट की धारा 25 के तहत चालान दायर किया था। बाद में 6 नवंबर 2024 को अभियोजन स्वीकृति सहित सप्लीमेंट्री चालान भी कोर्ट में पेश हुआ था।

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