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    चंडीगढ़ नगर निगम में भ्रष्टाचार का खेल, कचरे के टेंडर में घोटाले की बदबू; करोड़ों का ठेका फिर भी नहीं उठा कचरा

    Updated: Fri, 27 Jun 2025 10:56 PM (IST)

    चंडीगढ़ नगर निगम के इंजीनियरिंग विंग में भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है। बायो माइनिंग प्रोजेक्ट में चहेती कंपनियों को काम देने से कचरा प्रबंधन फेल हो गया है। पीएसयू को बिना टेंडर काम दिया गया लेकिन अफसरों की मिलीभगत से प्राइवेट कंपनियों को बैकडोर एंट्री मिली। डंपिंग ग्राउंड से कचरा साफ नहीं होगा और निगम को करोड़ों रुपये देने पड़ेंगे।

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    चंडीगढ़ नगर निगम में भ्रष्टाचार का खेल। फोटो जागरण

    बरीन्द्र सिंह रावत, चंडीगढ़। नगर निगम के इंजीनियरिंग विंग में भ्रष्टाचार का खुला खेल चल रहा है। करोड़ों रुपये का बायो माइनिंग प्रोजेक्ट चहेती कंपनियों को देने के कारण निगम कचरा प्रबंधन में फेल हो गया है।

    निगम ने पीएसयू को बिना किसी टेंडर के बायो माइनिंग का काम दिया, लेकिन इंजीनियरिंग विभाग के अफसरों की मिलीभगत से बैकडोर एंट्री का जरिए यह काम दो प्राइवेट कंपनियों को दे दिया गया।

    चंडीगढ़ नगर निगम के 25 से 30 करोड़ रुपये पीएसयू की आड़ में बायो माइनिंग प्रोजेक्ट में डूब जाएंगे। तकनीकी एक्सपर्ट्स के अनुसार डंपिंग ग्राउंड से कचरा भी साफ नहीं होगा और निगम को 25 से 30 करोड़ रुपए कंपनियों को देने पड़ेंगे।

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    पीएसयू के जरिए प्राइवेट कंपनियों कचरा उठाने की सिर्फ औपचारिकता कर रही है। जून माह के अंत तक डेढ़ लाख टन कचरा उठाया जाना था लेकिन अभी तक 15 प्रतिशत काम भी नहीं हुआ।

    कचरा प्रोसेसिंग बंद

    डंपिंग ग्राउंड में कचरा प्रोसेस करना का काम भी बंद हो चुका है। शहर का कचरा बिना प्रोसेस डंपिंग ग्राउंड में फेका जा रहा है। यह भी दो प्राइवेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है ताकि कितना कचरा उठाया गया उसका हिसाब न रहे। कचरा प्रोसेस न होने और कंपनियों द्वारा उठाए न जाने के कारण एक नया ढेर लग रहा है।

    कोई जुर्माना नहीं

    अभी तक नगर निगम ने बायो माइनिंग का काम सही तरीके से न करने वाली कंपनियों पर कोई जुर्माना नहीं लगाया है। यहां तक कि चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में हाल ही में शहर के कचरे के निपटान को लेकर हुई बैठक में भी निगम के अफसरों ने झूठ बोला। चीफ सेक्रेटरी को कहा गया कि जुलाई जय अंत तक डंपिंग ग्राउंड से सारा कचरा साफ हो जाएगा जबकि वास्तविकता यह है कि जचते का एक नया पहाड़ खड़ा हो जाएगा।

    रैंकिंग भी गिरेगी शहर की

    कचरे का सही प्रकार से निपटारा न होने से स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर की रैंकिंग भी गिरेगी। निगम के करोड़ों रुपए खर्च ही जाएंगे लेकिन कचरा फिर भी साफ नहीं होगा।

    लोग सड़कों पर उतरने को तैयार

    दादूमाजरा के लोग निगम में चल रहे इस खेल के खिलाफ सड़कों पर उतरने की तैयारी में है। हालात बरसात में और बदतर होंगे। बरसात के दौरान कचरा उठाने ओर प्रोसेस का काम बिल्कुल बंद होगा। हाल ही में कांग्रेस के नेताओं ने यहां का दौरा कर बदहाल स्थिति उजागर की थी लेकिन निगम के अफसर देखने को तैयार नहीं।