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    चंडीगढ़ में नई मार्केट का निर्माण सिरे चढ़ाने को कंसल्टेंट नियुक्त, 332 पेड़ काटने की केंद्र से लेगा मंजूरी

    Updated: Tue, 19 Aug 2025 01:24 PM (IST)

    चंडीगढ़ के धनास में कृषि योग्य भूमि पर कब्ज़ा करके बैठे मार्बल व्यापारियों को सेक्टर-56 में शिफ्ट करने के लिए बल्क मार्केट का निर्माण तेज़ी से चल रहा है। प्रशासन ने कंसल्टेंट नियुक्त कर दिया है। डीसी निशांत यादव के अनुसार कंसल्टेंट के माध्यम से केंद्र सरकार से पर्यावरण मंजूरी प्राप्त की जाएगी। सेक्टर-56 की मार्केट में आने वाले पेड़ों को काटने का टेंडर भी आवंटित हो गया है।

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    पर्यावरण मंजूरी मिलने के बाद पेड़ों को काटने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

    राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। धनास में कृषि योग्य 200 भूमि पर 30 साल से कब्जा कर बैठे मार्बल व्यापारियों को शिफ्ट करने के लिए बनने वाली सेक्टर-56 की ब्लक मार्केट के निर्माण की प्रक्रिया गति से आगे बढ़ रही है। प्रशासन ने कंसल्टेंट नियुक्त कर दिया है। डीसी निशांत यादव का कहना है कि अब कंसल्टेंट के जरिये केंद्र सरकार में आवेदन कर दो माह के भीतर पर्यावरण के लिए मंजूरी ले ली जाएगी।

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    पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट मार्बल व्यापारियों को शिफ्ट करने का फैसला सुना चुका है। प्रशासन ने इस जमीन का अधिग्रहण करना है। सेक्टर-56 की मार्केट के निर्माण के रास्ते में जाे 332 पेड़ आ रहे हैं उन्हें काटने के काम का टेंडर अलाट कर दिया गया है।

    पर्यावरण मंजूरी मिलने के बाद पेड़ों को काटने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पर्यावरण मंजूरी प्राप्त करने की प्रक्रिया में भूमि, वन, वन्यजीव, जल, मिट्टी, वायु, संभावित पारिस्थितिकीय प्रभाव और हरित क्षेत्र से जुड़े पहलुओं की रिपोर्टिंग शामिल होती है।

    लीज होल्ड पर नीलाम किए जाएंगे प्लांट

    प्रशासन ने इस बल्क मार्केट में प्लाट्स और बूथ लीज होल्ड पर नीलाम करने का निर्णय लिया है। यह सभी प्लाट्स मौजूदा कलेक्टर रेट 3 लाख प्रति वर्ग गज पर उपलब्ध कराए जाएंगे। इस परियोजना के लिए प्रशासन ने फ्लोर एरिया रेशियो 1.5 निर्धारित किया है।

    आवंटी ग्राउंड फ्लोर, पहला और दूसरा फ्लोर बना सकेंगे। सभी निर्माण कार्य चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुरूप होने चाहिए, जबकि व्यापारी लीज के बजाय फ्री होल्ड प्लाट्स और बूथ की मांग कर रहे हैं।

    प्रशासन द्वारा साल 2016 और 2018 में धनास, सरांपुर स्थित मौजूदा मार्बल मार्केट का सर्वेक्षण किया गया था। सर्वेक्षण में कुल 188 मार्बल दुकानों की मौजूदगी पाई गई थी। हाई कोर्ट पहले ही इन अस्थाई मार्केट्स को अवैध घोषित कर चुका है और इन्हें हटाने के आदेश दे चुका है।