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    कुमार विश्वास व अलका लांबा पर दर्ज एफआइआर रद करने के लिए कांग्रेस ने लिखा डीजीपी को पत्र

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Thu, 21 Apr 2022 08:44 PM (IST)

    पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजावा ने डीजीपी को पत्र लिखकर अलका लांबा व कुमार विश्वास के खिलाफ दर्ज एफआइआर को रद करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह एफआइआर शक्ति का दुरुपयोग है।

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    पंजाब के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा की फाइल फोटो।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने अलका लांबा और कवि कुमार विश्वास के खिलाफ दर्ज एफआइआर को रद करने की मांग की है। प्रताप सिंह बाजवा ने इस संबंध में डीजीपी वीके भावरा को पत्र लिखा है।

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    पत्र में बाजवा ने कहा कि उक्त दोनों के खिलाफ जो एफआइआर रजिस्टर्ड की गई है वह राजनीति से प्रेरित है। एफआइआर किसी ऐसे व्यक्ति की शिकायत पर आधारित है, जिसकी पहचान अभी भी किसी को नहीं है। यह केवल सत्ता और अधिकार का दुरुपयोग नहीं है, बल्कि शक्ति का पूर्ण दुरुपयोग है।

    बता दें,  रोपड़ में अलका लांबा और कुमार विश्वास के खिलाफ पंजाब पुलिस की ओर से मामला दर्ज किया गया है। उक्त दोनों को बीते बुधवार को पंजाब पुलिस की रोपड़ टीम नोटिस देने के लिए गई थी। दोनों को रोपड़ में पुलिस के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है।

    पंजाब पुलिस की इस कार्रवाई के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। विपक्ष का आरोप है कि आम आदमी पार्टी अपनी पावर का गलत इस्तेमाल कर रही है।

    प्रो. दविंदरपाल भुल्लर की रिहाई को केजरीवाल करे हस्तक्षेप

    दिल्ली सरकार के सेंटेंस रिव्यू बोर्ड (एसआरबी) को केंद्र सरकार द्वारा प्रो. दविंदरपाल सिंह भुल्लर को दी गई विशेष छूट के बारे में अवगत कराया जाए, ताकि भुल्लर की जेल की सजा से तत्काल रिहाई सुनिश्चित की जा सके। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा है।

    दिल्ली के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि यह चिंता का विषय है एसआरबी ने प्रो. भुल्लर के प्रस्ताव को बार बार खारिज कर दिया। हाल ही में पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान कहा था कि आपने एसआरबी को प्रो. भुल्लर की रिहाई को रोकने के अपने पहले के फैसले पर मीटिंग करने और पुनर्विचार करने का निर्देश दिया था। बीती 3 मार्च को एसआरबी की मीटिंग के दौरान इसके विपरीत हुआ, इस संदर्भ में आपके द्वारा की गई प्रतिबद्धता पर सवाल लग गया है।

    बादल ने यह भी कहा कि प्रो. भुल्लर की रिहाई को एसआरबी द्वारा बार-बार रोका जा रहा है। इस तथ्य के बावजूद कि बंदी को विशेष छूट देने का केंद्र का निर्देश राज्य सरकार के लिए बाध्यकारी था। दुनियाभर के सिखों के साथ साथ सभी पंजाबियों की ओर से मुख्यमंत्री से इन तथ्यों पर ध्यान देने और मामले में व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने की अपील की।

    बादल ने कहा कि इन तथ्यों को सही परिपेक्ष्य एसआरबी के सामने प्रस्तुत करने की आवश्यकता है। बादल ने कहा कि सिख बंदी की शीघ्र रिहाई पंजाब में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करेगी। बादल ने कहा कि इस रिहाई में अत्यधिक देरी ने सिख समुदाय के साथ साथ पंजाबियों की भावनाओं को आहत किया है।