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    कांग्रेस प्रवक्ता राजीव शर्मा ने संजय टंडन पर साधा निशाना, कहा- झूठे दावों के लिए शहरवासियों माफी मागें

    By Ankesh ThakurEdited By:
    Updated: Sun, 12 Dec 2021 10:05 AM (IST)

    राजीव शर्मा ने कहा कि इस तथ्य से स्पष्ट है कि टैक्स में बढ़ोतरी के बावजूद निगम को कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने में भी कठिनाई होती है। जब भाजपा ने 2015 में सत्ता संभाली थी तब निगम के पास 500 करोड़ रुपये की एफडी थी।

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    कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव शर्मा की फाइल फोटो।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के लिए सभी दलों के प्रत्याशियों ने ताकत झोंक दी है। ऐसे में आरोप प्रत्यारोप की राजनीति भी गरमा चुकी है। कांग्रेस और भाजपा के नेता एक दूसरे पर जमकर आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस ने भाजपा द्वारा शहर में किए गए विकास के दावों पर पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन पर निशाना साधा है। कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि भाजपा को अपनी पीठ थपथपाने के बजाए वास्तव में सभी मोर्चों पर शहर को विफल करने के लिए चंडीगढ़ के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। इतना ही नहीं, पिछले छह वर्षों में भाजपा के काउंसलरों ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है और उन्होंने शहर के विकास को नजरअंदाज किया है।

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    राजीव शर्मा ने कहा कि इस तथ्य से स्पष्ट है कि टैक्स में बढ़ोतरी के बावजूद, निगम को कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने में भी कठिनाई होती है। जब भाजपा ने 2015 में सत्ता संभाली थी, तब निगम के पास 500 करोड़ रुपये की एफडी थी। ये एफडी 2001 से 2014 तक कांग्रेस के नेतृत्व वाले नगर निगम के कुशल कामकाज के चलते जमा हो पाई थी। आज, यह पूरी राशि भाजपा के नेतृत्व वाली एमसी द्वारा बर्बाद कर दी गई है। क्योंकि भाजपा के सभी पार्षद भ्रष्ट आचरण और फिजूलखर्ची वाले हैं और उनके कई घोटाले सामने आ चुके हैं।

    उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद कांग्रेस पिछले छह वर्षों में नगर निगम में व्याप्त बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की जांच की सिफारिश करेगी ताकि शहरवासियों के सामने भाजपा का असली चेहरा सामने आ सके।

    इस आरोप का खंडन करते हुए कि कांग्रेस अब तक क्वारेंटाइन के दौर में थी, शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पिछले छह वर्षों में शहर के वास्तविक मुद्दों को लेकर लगातार आंदोलन कर रही थी ताकि भाजपा द्वारा शासित चंडीगढ़ नगर निगम की की जनविरोधी और कारपोरेट समर्थक नीतियों को आम लोगों को दिखाया जा सके। अब जनता ने भाजपा की जनविरोधी नीतियों को काफी करीब से देख लिया है। नतीजतन, चंडीगढ़ नगर निगम के आगामी चुनावों में उन्हें भारी हार का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा के लिए अभी से अपनी हार पचा पाना मुश्किल हो रहा है।