'लैंड पूलिंग नहीं लैंड लूटिंग पॉलिसी है..', राजा वडिंग ने मान सरकार पर कसा निशाना, गमाडा ऑफिस के बाहर प्रदर्शन
मोहाली में कांग्रेस ने लैंड पूलिंग पॉलिसी के खिलाफ गमाडा दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया। पीसीसी प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के नेतृत्व में वर्करों ने भाग लिया। वडिंग ने सरकार पर किसानों की जमीन लूटने का आरोप लगाया और इस पालिसी को तुरंत वापस लेने की मांग की।

संवाद सहयोगी, मोहाली। सरकार की नई लैंड पूलिंग पॉलिसी के खिलाफ कांग्रेस ने सोमवार को मोहाली में गमाडा (ग्रेटर मोहाली डेवलपमेंट अथारिटी) दफ्तर के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान बारिश होने के बावजूद कांग्रेसी वर्करों ने छतरियां लगाकर खूब प्रदर्शन किया। इस मौके पीसीसी प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग, नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू की अगवाई में सैकड़ों वर्करों और वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया।
प्रदर्शन के दौरान लैंड पुलिंग नीति के विरोध में ज़ोरदार नारेबाज़ी की गई और सरकार से इसे तुरंत वापस लेने की मांग की गई। वडिंग ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार किसानों की कीमती जमीन लूटने की चाल चल रही है।
उन्होंने कहा, ये कोई लैंड पूलिंग नहीं, ये लैंड लूटिंग पॉलिसी है। उन्होंने कहा कौन किसान अपनी एक एकड़ ज़मीन सिर्फ़ 1000 गज के बदले देगा। वडिंग ने भगवंत मान को नसीहत दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी किसानों के दबाव में आकर तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़े थे।
उन्होंने चेताया, किसान अपनी जमीन के लिए कुछ भी कर सकता है, और कहा कि कांग्रेस पार्टी इस लड़ाई में किसानों के साथ खड़ी है। प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, भगवंत मान सरकार लोगों को बेवकूफ बना रही है कि ये योजना स्वैच्छिक है, जबकि सच्चाई ये है कि इसमें एलएएआर नाम की क्लाज़ जोड़ी गई है जिसके जरिए सरकार ज़मीन जबरन ले सकती है।
उन्होंने कहा कि आप की ये पॉलिसी सिर्फ लैंड लूट है, और कहीं से भी इसकी कोई डिमांड नहीं है। कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री के नाम एक मेमोरेंडम गमाडा एडमिनिस्ट्रेटर को सौंपा गया, जिसमें इस नीति को फौरन रद करने की मांग की गई।
मेमोरेंडम में कहा गया कि ये नीति पंजाब के लिए पर्यावरण और अर्थव्यवस्था दोनों के लिहाज से विनाशकारी होगी। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा, चाहे कुछ भी हो जाए, हम सरकार को किसानों की जमीन हड़पने नहीं देंगे। इस ज़ुल्म को रोकने के लिए हम खून देने को तैयार हैं।
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