Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी को CM बनाने का फैसला कांग्रेस का मास्टरस्ट्रोक

    By Sanjay PokhriyalEdited By:
    Updated: Fri, 24 Sep 2021 12:37 PM (IST)

    कांग्रेस के इस फैसले को सिर्फ पंजाब से जोड़ कर देखना एक तरह की भूल होगी। यह बात किसी से छुपी नहीं है कि 2022 में पंजाब सहित उत्तर प्रदेश उत्तराखंड गुजरात जैसे कई राज्यों में चुनाव होने हैं।

    Hero Image
    पंजाब की सत्ता में दलित समुदाय का राज रहा है।

    रिजवान अंसारी। पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने के फैसले को कांग्रेस का मास्टरस्ट्रोक कहा जा रहा है, लेकिन यह आने वाला समय बताएगा कि कांग्रेस का दांव कितना सही है। अगर पंजाब के राजनीतिक समीकरण की बात करें तो यहां सबसे बड़ी तादाद ‘दलित सिख’ की है। चरणजीत सिंह चन्नी इसी वर्ग से आते हैं। पंजाब में दलित मतदाताओं की हिस्सेदारी 32 फीसद होने की वजह से कांग्रेस को इसका फायदा मिलने की बात कही जा रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    2017 के चुनाव में 34 दलित सीटों में से 21 पर कांग्रेस को जीत मिली थी। ऐसे में यह देखना अहम होगा कि चरणजीत सिंह चन्नी दलित सीटों में इजाफा कर पाते हैं या नहीं। यहां यह नहीं भूलना चाहिए कि 2017 के चुनाव में अमरिंदर सिंह कांग्रेस के चेहरा थे और वह दलित समुदाय से भी नहीं आते हैं। बावजूद इसके कांग्रेस ने 34 में से 21 सीटों पर जीत हासिल की। दलित सीटों पर इतनी बड़ी जीत अकाली दल को 2012 में मिली थी।दूसरी ओर पंजाब में जट्ट सिख समुदाय 19 फीसद है और अब तक पंजाब की सत्ता में इसी समुदाय का राज रहा है।

    अब हो सकता है कि यह वर्ग कांग्रेस से छिटककर भाजपा या आम आदमी पार्टी के पाले में आ जाए। हालांकि हमेशा ही पंजाब की सत्ता में जट्ट सिख समुदाय के काबिज रहने से राजनीतिक दलों ने इसे मुद्दा जरूर बनाया था। दलितों को बड़े पदों पर बैठाने की बात कहकर जातीय ध्रुवीकरण करने की कोशिश की गई थी। इस मुद्दे को बार-बार उछाला जाता रहा है कि किसी दलित को मुख्यमंत्री बनाया जाए। यही कारण है कि पिछले चुनाव में अकाली दल और भाजपा ने चुनाव जीतने पर किसी दलित को डिप्टी मुख्यमंत्री बनाने का एलान किया था। इसकी वजह रही है कि पंजाब में दलित सबसे बड़ा तबका है, लेकिन वहां की सत्ता में दलितों को कुछ खास लाभ नहीं मिला।

    कांग्रेस इस मौके पर पंजाब में दलित कार्ड खेल कर दूसरे राज्यों के दलित मतदाताओं को साधने की कोशिश करेगी। कांग्रेस इन राज्यों में इस बात का खूब प्रचार करेगी कि उसने पंजाब में दलित मुख्यमंत्री बनाकर नजीर पेश किया है और अगर उस दूसरे राज्यों में भी मौका दिया जाता है तो वह वहां भी वही प्रयोग करेगी। उत्तर प्रदेश जैसे राज्य जहां दलितों की अच्छी-खासी पैठ है, वहां कांग्रेस इसे भुनाने की रणनीति पर काम करेगी। हालांकि इस बात की संभावना कम है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के दलित फार्मूले को ज्यादा भाव मिलेगा।

    (लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)

    comedy show banner
    comedy show banner