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    कॉलेज प्रिंसिपल करा सकेंगे ट्रांसफर, हरियाणा में स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 08:58 AM (IST)

    हरियाणा के राजकीय महाविद्यालयों में दो साल का कार्यकाल पूरा कर चुके प्राचार्य अब अपनी पसंद के कॉलेज में स्थानांतरण करा सकेंगे। उच्चतर शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। चार साल पूरा कर चुके प्राचार्यों के लिए स्थानांतरण अनिवार्य है। सहायक प्राध्यापकों के लिए भी ऑनलाइन स्थानांतरण प्रक्रिया जल्द शुरू होगी, जिसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं।

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    राजकीय महाविद्यालयों में दो साल पूरे कर चुके प्राचार्य करा सकेंगे स्थानांतरण।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के राजकीय महाविद्यालयों में दो साल का कार्यकाल पूरा कर चुके प्राचार्य अब अपनी पसंद के कॉलेज में स्थानांतरण करा सकेंगे। उच्चतर शिक्षा विभाग ने सोमवार को ऑनलाइन स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी। किसी महाविद्यालय में चार साल पूरे कर चुके प्राचार्यों के लिए स्थानांतरण प्रक्रिया में शामिल होना अनिवार्य रहेगा।

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    प्राचार्यों के लिए ऑनलाइन स्थानांतरण के लिए पात्रता तिथि 31 अक्टूबर रखी गई है। दो दिसंबर तक पोर्टल पर डेटा को अपडेट करने का काम चलेगा। स्थानांतरण के इच्छुक प्राचार्य 19 से 25 नवंबर तक कॉलेज की वरीयता दे सकेंगे। अगले साल पांच फरवरी को स्थानांतरण आदेश जारी होंगे, जबकि 15 फरवरी तक नया कॉलेज अलॉट कर दिया जाएगा। प्रदेश में प्राचार्य के कुल 178 पद हैं, जिनके लिए ऑनलाइन स्थानांतरण नीति बनाई गई है।

    वहीं, अगले चरण में सहायक प्राध्यापकों के ऑनलाइन स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होगी। किसी कॉलेज में एक साल पढ़ा चुके सहायक प्राध्यापकों को ही स्थानांतरण में शामिल होने का मौका मिलेगा। उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से 20 विषयों के 7882 पदों के लिए ऑनलाइन स्थानांतरण का प्रारूप तैयार किया जा चुका है।

    इनमें बाटनी, केमिस्ट्री, कामर्स, कंप्यूटर साइंस, इंग्लिश, हिंदी, इतिहास, गणित, भौतिक शिक्षा, पालिटिकल साइंस, मनोविज्ञान, संस्कृत, पंजाबी, जूलोजी विषयों के सहायक प्राध्यापक शामिल हैं। किसी कॉलेज में पांच साल का कार्यकाल पूरा कर चुके सहायक प्राध्यापकों के लिए ऑनलाइन स्थानांतरण प्रक्रिया में शामिल होना अनिवार्य रहेगा।

    स्थानांतरण में मेरिट निर्धारण के लिए 80 अंकों का पैमाना बनाया गया है, जिसमें आयु, जेंडर (महिला), दिव्यांगता, वैवाहिक स्थिति, स्वास्थ्य और सेवा अवधि शामिल है। विधवा, तलाकशुदा या कानूनी रूप से अलग रह रही महिला शिक्षकों को वरीयता दी जाएगी। इसके साथ ही दिव्यांग और अधिसूचित 22 गंभीर बीमारियों से पीड़ित शिक्षकों को भी राहत दी जाएगी। पूरी प्रक्रिया एचआरएमएस पोर्टल के माध्यम से होगी। हर चरण का प्रमाणीकरण ओटीपी आधारित प्रणाली से किया जाएगा।