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    सब्जी मंडी की हालत पर भड़के चीफ जस्टिस, चंडीगढ़ प्रशासन से पूछा कि आपने गंदगी देखी है?

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 06:12 PM (IST)

    पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने चंडीगढ़ प्रशासन से सेक्टर 26 की सब्जी मंडी में सुविधाओं की कमी पर जवाब मांगा है। अदालत ने पूछा कि मंडी को सेक्टर 39 में स्थानांतरित करने की योजना में देरी के बावजूद विक्रेताओं और ग्राहकों के लिए अस्थायी व्यवस्था क्यों नहीं की गई। कोर्ट ने प्रशासन को मंडी में सुधार के सबूत पेश करने का आदेश दिया है।

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    हाईकोर्ट ने पूछा कि प्रशासन मंडी में अस्थायी सुविधाएं भी उपलब्ध कराने में विफल क्यों रहा है?

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सेक्टर 26 स्थित सब्जी एवं फल मंडी के बदतर हालातों पर बुधवार को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को फटकार लगाई। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ यह स्पष्ट करने को कहा कि लंबे समय से गंदगी, भीड़भाड़ और खराब पहुंच की शिकायतें मिल रही हैं। इसके बावजूद भी प्रशासन मंडी में अस्थायी सुविधाएं भी उपलब्ध कराने में विफल क्यों रहा है।

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    चीफ जस्टिस शील नागू ने स्पष्ट रूप से पूछा कि क्या आपने वहां फैली गंदगी देखी है? आप उस बाजार में कदम भी नहीं रख सकते। क्या केंद्र शासित प्रदेश ने विक्रेताओं और उपभोक्ताओं के लिए कोई व्यावहारिक व्यवस्था की है, जबकि बाजार का सेक्टर 39 में प्रस्तावित स्थानांतरण मुकदमेबाजी में उलझा हुआ है। 

    हाईकोर्ट में प्रशासन के वकील ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस साल अप्रैल में नई जगह पर दुकानों की ई-नीलामी प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। इस पर कोर्ट ने जोर देकर कहा कि स्थगन आदेश प्रशासन को स्वच्छता और सुलभता बनाए रखने के अपने कर्तव्य से मुक्त नहीं करता। चीफ जस्टिस ने कहा कि इस पर भले ही रोक लगा दी गई हो, लेकिन यह आपको आम जनता के लिए कुछ अस्थायी व्यवस्था करने से नहीं रोकता।

    केंद्र शासित प्रदेश की ओर से पेश हुए अतिरिक्त स्थायी वकील ने दलील दी कि मार्केटिंग कमेटी द्वारा नियुक्त एक तृतीय पक्ष ठेकेदार सेक्टर 26 में सफाई और रखरखाव के लिए जिम्मेदार था। उन्होंने कहा कि मार्केट कमेटी ठेकेदार को चूक के लिए जुर्माना और कारण बताओ नोटिस जारी कर रही थी। उन्होंने बताया कि अगस्त में अवैध ढांचों को ध्वस्त किया गया था। उन्होंने बताया कि नई सुरक्षा और सफाई एजेंसियों को भी लगाया गया है।

    हालांकि, कोर्ट संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने सब्जी मंडी में हुए किसी भी सुधार की तस्वीरें दिखाने की मांग की। एक बार तो उन्होंने सेक्टर 39 के बाजार की तस्वीरें भी मांगीं। दोनों ही बार, यूटी के स्थायी वकील के पास कोई जवाब नहीं था। जब उन्होंने इस विषय पर अधिकारियों द्वारा की गई चर्चा को बताना चाहा, तो चीफ जस्टिस नागू भड़क उठे। हमें आपकी बैठकों के विवरण से कोई सरोकार नहीं है। कृपया हमें बताए कि आपने क्या व्यवस्था की है? क्या आपने फुटपाथ या कुछ और बिछाया है ताकि लोग मानसून के दौरान बिना कीचड़ के अंदर-बाहर आ-जा सके? पीठ ने केंद्र शासित प्रदेश को निर्देश दिया कि वह शुक्रवार को जमीनी स्तर पर किसी भी सुधार को दर्शाने के लिए तस्वीरें और रिकार्ड पेश करे।