एसवाइलः इनेलो की बसें रोकने की धमकी पर चीमा बोले-पंजाबी डरने वाले नहीं
इनेलो ने एसवाइएल के मुद्दे पर अंबाला में पंजाब की बसे रोकने की धमकी दी है। अकाली दल ने इनेलो की इस धमकी पर कहा कि गीदड़ भभकियां पंजाबियों को नहीं डरा सकतीं।
जेएनएन, चंडीगढ़। सतलुज-यमुना लिंक (एसवाइएल) नहर के निर्माण को लेकर इनेलो 10 जुलाई को पंजाब के मंत्रियों, विधायकों व सरकारी गाड़ियों को अंबाला में रोक कर विरोध जताएगा। इसके अलावा दिल्ली के जंतर-मंतर पर दिए जा रहे धरनों को खत्म कर राज्य में उपमंडल व जिला स्तर पर धरना-प्रदर्शन करेगा। इसके लिए पार्टी के सात बड़े नेताओं की ड्यूटी लगाई गई है। इनेलो नेता अभय चौटाला के इस एलान पर अकाली दल ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।
शिरोमणि अकाली दल ने इनेलो के इस एलान को दुर्भाग्यपूर्ण, गैरकानूनी, असंवैधानिक और बेहद खतरनाक फैसला करार दिया है। यहां जारी बयान में अकाली दल के सचिव और प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि इस तरह की गीदड़ भभकियां पंजाबियों को नहीं डरा सकतीं और न ही उन्हें हरियाणा से गुजरने से कोई रोक सकता है।
शिअद ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी अपील की कि वह इनेलो की इस धमकी को गंभीरता से लें और पंजाब से हरियाणा के रास्ते दिल्ली और अन्य राज्यों की ओर जाते सभी रास्तों पर पंजाबियों का निर्विघ्न चलना यकीनी बनाएं। इनेलो की इस घोषणा पर डा. चीमा ने कहा कि यह बहुत ही हैरानीजनक बात है कि एक जिम्मेदार राजनीतिक दल द्वारा ऐसा प्रोग्राम दिया जा रहा है जो सीधे-सीधे पंजाब और हरियाणा के लोगों को आपस में लड़ाने वाला और खूनखराबा कराने वाला फैसला है।
इनेलो के इस फैसले ने 1982 में हुए दिल्ली एशियाड की फिर याद दिला दी जब एशियाड खेल देखने जा रहे पंजाबियों, खासकर सिखों को हरियाणा में कारों से उतार कर सड़कों पर जलील किया गया था। चीमा ने कहा कि हरियाणा के राजनीतिक दलों को इस तरह की हिंसा को उत्तेजित करने वाली कार्रवाइयों से सचेत रहना चाहिए और एसवाइएल पर दूसरे दलों से आगे निकलने की होड़ में अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी नहीं भूलनी चाहिए।
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