चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल में सुरंग बनाकर भागने वाले आरोपित आतंकी जगतार सिंह हवारा पर आरोप तय, जानें क्या था मामला
चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल से लगभग 17 साल पहले सुरंग बनाकर साथियों संग भागने मामले में जगतार सिंह हवारा पर वीरवार को जिला अदालत में आरोप तय कर दिए। अब इस मामले में आरोपित हवारा के खिलाफ केस का ट्रायल शुरू होगा।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल से लगभग 17 साल पहले सुरंग बनाकर साथियों संग भागने मामले में जगतार सिंह हवारा पर वीरवार को जिला अदालत में आरोप तय कर दिए। अब इस मामले में आरोपित हवारा के खिलाफ केस का ट्रायल शुरू होगा। 21/22 जनवरी 2004 को हवारा, भ्यौरा, तारा और हत्या केस में एक और दोषी देवी सिंह करीब 94 फीट लंबी सुरंग खोदकर फरार हो गए थे। हवारा और भ्यौरा को दो साल बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। जबकि तारा को उसी साल थाईलैंड से गिरफ्तार किया गया था।
जेल अधिकारियों सहित कुछ आरोपितों पर जेल ब्रेक में लापरवाही और सहयोग का आरोप भी लगा था। इन्हें बैरक नंबर-7 में रखा गया था। यहां उन्होंने जेल प्रशासन से कुछ सुविधाएं देने की मांग की थी, लेकिन वह उपलब्ध न करवाने पर सभी भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। बाद में प्रशासन ने उन्हें सुविधाएं उपलब्ध करवाई गईं। इनमें जिम का सामान भी शामिल था।सुरंग खोदने के लिए सभी आरोपितों ने वेट लिफ्टिंग रॉड का इस्तेमाल किया था। इसके अलावा भी कई अन्य तरह के औजार खुदाई वाली जगह से मिले थे। इन सभी का इस्तेमाल सुरंग खोदने में किया गया था। आतंकी हवारा की ओर से बैरक के अंदर की गतिविधियों को पूरी तरह से गुप्त रखा जाता था। बैरक में पानी की तेज आवाज के बीच सुरंग खोदने की आवाज दबाई जाती थी। यही नहीं जेल ब्रेक के गुप्त मिशन को अंजाम देने के लिए हवारा, भ्यौरा, तारा सभी कोड में बात करते थे।
1995 में किया था ब्लास्ट
31 अगस्त, 1995 को पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह की पंजाब सिविल सचिवालय भवन के पास बम ब्लास्ट में हत्या कर दी गई थी। इस ब्लास्ट में 17 अन्य लोगों की भी मौत हुई थी। केएलएफ के दिलवार सिंह जयसिंहवाला ने यह आत्मघाती हमला किया था। मामले में बब्बर खालसा इंटरनेशनल के सदस्य जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भ्यौरा, जगतार सिंह तारा को गिरफ्तार किया था। तीनों बुड़ैल जेल में बंद थे। जेल से फरार होने के बाद तीनों कैदियों को पुलिस पकड़ चुकी है। वहीं जेल ब्रेक में लापरवाही बरतने वाले जेल कर्मियों और अधिकारियों के खिलाफ सेक्टर-34 पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था।
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