संगीत सम्राट चरणजीत सिंह आहूजा को मोहाली में दी गई अंतिम विदाई, गुरदास मान और हंसराज हंस ने दी श्रद्धांजलि
संगीत सम्राट चरणजीत सिंह आहूजा को मोहाली में अंतिम विदाई दी गई। इस मौके पर गुरदास मान और हंसराज हंस समेत कई दिग्गज हस्तियां शामिल हुईं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। शिवेंद्र महल ने इसे पंजाबी संगीत के लिए एक बड़ी क्षति बताया। लीवर कैंसर से पीड़ित 74 वर्षीय आहूजा का निधन 21 सितंबर को हुआ था।

जागरण संवाददाता, मोहाली। पंजाबी संगीत के युग-प्रवर्तक और संगीत सम्राट कहे जाने वाले चरणजीत सिंह आहूजा की अंतिम अरदास शुक्रवार (3 अक्टूबर) मोहाली के दुल्लत रिसार्ट में आयोजित की गई। इस भावुक मौके पर पंजाबी म्यूजिक और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी तमाम दिग्गज हस्तियां उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए मोहाली पहुंची, जिससे पूरा माहौल गमगीन हो गया।
श्रद्धांजलि देने वालों में महान गायक गुरदास मान, हंसराज हंस, सिंगर जरनैल जैली, अमर नूरी, गुरलेज अख्तर सहित कई जाने-माने कलाकार और निर्माता शामिल थे। जाने-माने अभिनेता शिवेंद्र महल ने दुख व्यक्त करते हुए कहा यह संसार चलो चली दा मेला है। लेकिन यह साल पता नहीं कैसा चढ़ा है, पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के कई लोग चले गए।
आहूजा साहब का जाना इंडस्ट्री के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान है। 74 वर्षीय चरणजीत सिंह आहूजा का निधन 21 सितंबर को लीवर कैंसर के कारण हो गया था। उनका इलाज पीजीआई से चल रहा था। उनका अंतिम संस्कार मोहाली स्थित श्मशान घाट पर किया गया था।
चरणजीत आहूजा को पंजाबी संगीत जगत में पंजाबी संगीत के शिल्पकार के रूप में जाना जाता है। 1980 और 1990 के दशक में उनकी बनाई गई धुनों ने पंजाबी संगीत को एक नई पहचान दी और आज भी उनके धुनें लोकगीतों और सांस्कृतिक आयोजनों में गूंजती हैं।
आहूजा की धुनों की बदौलत ही सुरजीत बिंदराखिया, कुलदीप माणक, गुरदास मान, चमकीला, गुरकिरपाल सूरापुरी, सतविंदर बुग्गा जैसे कई लोकगायकों को पहचान मिली। कई गायकों की तो संगीत यात्रा की शुरुआत ही आहूजा के साथ हुई, जिनमें से कई आगे चलकर सुपरस्टार बने। आहूजा अपने पीछे 4 बेटे छोड़ गए हैं, जो सभी संगीत उद्योग से जुड़े हुए हैं और उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
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