Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बदलाव की दहलीज पर खड़ा पंजाब, छह दशक बाद फसल खरीद सिस्टम में परिवर्तन

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Sun, 11 Apr 2021 09:10 AM (IST)

    पंजाब में छह दशक बाद फसल खरीद सिस्टम में परिवर्तन आया है। अब फसल की रकम सीधेे किसानों के खाते में जाएगी। केंद्र सरकार के कड़े रुख के आगे आढ़तियों को झुकना पड़ा और केंद्र की शर्त माननी पड़ी।

    Hero Image
    पंजाब में फसल की रकम सीधे किसानों के खाते में। सांकेतिक फोटो

    चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। छह दशक बाद पंजाब में फसल खरीद को लेकर बने हुए सिस्टम में बदलाव की शुरुआत हो गई है। पिछले एक दशक में किसानों को उनकी फसल का सीधा भुगतान करने को लेकर कई बार मांग उठती रही है। किसान यूनियनों ने इसके लिए प्रदर्शन किए हैं और अदालतों के दरवाजे भी खटखटाए हैं। छिटपुट बदलाव जरूर हुए, लेकिन जिस तरह का बड़ा बदलाव शनिवार को हुआ, वैसा पहले कभी नहीं हुआ।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पंजाब में शनिवार से मंडियों में शुरू हुई गेहूं की खरीद का पैसा अब सीधा किसानों के खाते में जाएगा। लंबी मशक्कत के बाद आखिर यह फैसला लागू हो गया। इसका विरोध कर रहे राज्य के आढ़तियों के एक ग्रुप ने इस पर सहमति दे दी है, जबकि दूसरा ग्रुप अभी भी हड़ताल पर अड़ा हुआ है। आढ़तियों का झुकना इसमें तय ही था, क्योंकि इसमें न तो उन्हें केंद्र सरकार का साथ मिल रहा था और न ही किसानों का।

    यह भी पढ़ें: हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, 9वीं से 12वीं कक्षा तक के बच्चों को इसी सत्र से मिलेगी मुफ्त शिक्षा

    केंद्र के सख्त रुख के बाद जिसमें केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल ने साफ कह दिया था कि यदि सीधी अदायगी नहीं की तो पंजाब से केंद्र खरीद भी नहीं करेगा। आखिर पंजाब सरकार को भी झुकना पड़ा। अब किसानों के खातों में उनकी फसल की अदायगी सीधा खरीद एजेंसी डालेगी।

    यह भी पढ़ें: कोटकपूरा गोलीकांड मामले में पंजाब सरकार को झटका, हाई कोर्ट ने खारिज की जांच रिपोर्ट, नई SIT बनाने के आदेश

    अब किसान अपनी फसल की एवज में मिले भुगतान को अपनी मर्जी से खर्च कर सकेंगे। दो दशक पहले जब पंजाब में कर्ज के कारण किसानों की आत्महत्याओं का रुझान बढ़ा तो शिअद-भाजपा सरकार ने इसके कारणों की जांच करवाने के लिए तीन विश्वविद्यालयों से सर्वे करवाया था। कई कारण सामने आए, जिसमें एक कारण था कि किसानों को उनकी फसल की अदायगी पूरी नहीं मिलती।

    यह भी पढ़ें: कोरोना वैक्सीनेशन सिर्फ 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का ही क्यों, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में उठा सवाल

    आढ़ती किसानों को दी गई अग्रिम राशि को काट लेते हैं और दूसरा सामान आदि लेने के लिए खास दुकानों से ही खरीदने को बाध्य करते हैं। इसके लिए उन्हें पर्चियां दी जाती हैं, जिन्हें वह संबंधित दुकानदार को देकर सामान ले लेते हैं। भारतीय किसान यूनियन बेहरू ग्रुप ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी और मांग की थी कि खरीद एजेंसियां उन्हें चेक से अदायगी करें।

    हाई कोर्ट ने भी ऐसा करने के मामले में पंजाब सरकार से पूछा। बादल सरकार ने आढ़तियों के दबाव में कहा कि यह मामला किसानों पर ही छोड़ दिया जाए कि उन्हें भुगतान आढ़तियों के जरिए लेना है या फिर सीधे एजेंसी से। सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करके कहा कि किसानों को उनकी पेमेंट की अदायगी चेक के जरिये होगी, लेकिन चेक आढ़ती काटेंगे न कि खरीद एजेंसी। 2015 में हुए इस फैसले के बाद अब एक बार फिर से किसानों के पक्ष में फैसला लिया गया है। आने वाले कुछ दिनों में आढ़ती इसका विरोध कर सकते हैैं, लेकिन यह ज्यादा दिन नहीं चल पाएगा।

    comedy show banner
    comedy show banner