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    फर्जी सर्टिफिकेट से अनुकंपा आधार पर नौकरी हासिल की, चंडीगढ़ पुलिस की महिला कॉन्स्टेबल अब जाएगी जेल

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Mon, 22 Dec 2025 02:41 PM (IST)

    चंडीगढ़ की जिला अदालत ने फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर अनुकंपा नौकरी पाने वाली महिला काॅन्स्टेबल भूपिंदरजीत कौर को तीन साल की सजा सुनाई। उस पर 4500 रुपय ...और पढ़ें

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    महिला काॅन्स्टेबल को जिला अदालत ने सुनाई तीन साल की सजा।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। फर्जी सर्टिफिकेट के दम पर अनुकंपा आधार पर नौकरी हासिल करने वाली एक महिला काॅन्स्टेबल को जिला अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई है। 4500 रुपये जुर्माना भी लगाया है। महिला काॅन्स्टेबल भूपिंदरजीत कौर के खिलाफ सेक्टर-3 थाने में 10 साल पहले आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत केस दर्ज किया गया था।

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    अदालत ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि इस तरह के आरोपित न तो कानून से डरते हैं और न ही किसी प्राधिकरण से। ऐसे लोग न केवल निर्दोष व्यक्तियों को धोखा देते हैं, बल्कि इन्होंने पुलिस विभाग तक को नहीं बख्शा।

    अदालत ने कहा कि आरोपित ने स्वयं फर्जी प्रमाणपत्र तैयार कर उसका इस्तेमाल किया, जिससे उसने धोखाधड़ी का अपराध किया। ऐसे मामलों में अपराधियों के साथ सख्ती से निपटना आवश्यक है। हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि सजा का उद्देश्य केवल दंड देना ही नहीं, बल्कि अपराधी में सुधार लाना भी है, जो न्याय व्यवस्था का एक अहम उद्देश्य है।

    पति के निधन के बाद मिली थी नौकरी

    केस के मुताबिक पुलिस को सेक्टर-9 पुलिस हेडक्वार्टर के सीनियर असिस्टेंट विनोद कुमार ने सूचना दी थी। जिसके बाद पुलिस ने एफआइआर दर्ज की। शिकायत के मुताबिक भूपिंदरजीत कौर ने चंडीगढ़ पुलिस में काॅन्स्टेबल भर्ती होने के लिए पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड (पीएसईबी) का 12वीं का फर्जी सर्टिफिकेट इस्तेमाल किया। महिला का पति भी चंडीगढ़ पुलिस में काॅन्स्टेबल था जिसका निधन हो गया था। महिला को अनुकंपा के आधार पर ही नौकरी दी गई थी।

    एजुकेशन बोर्ड के पास नहीं था कोई रिकाॅर्ड

    पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड से रिकार्ड मांगा। बोर्ड के सचिव ने अपनी रिपोर्ट दी जिसमें उसने बताया कि आरोपित महिला कांस्टेबल ने 12वीं का जो रोल नंबर दिया था, उस पर कोई कैंडिडेट का रिकार्ड नहीं मिला।

    बोर्ड के पास उसका कोई रिकार्ड ही नहीं था। इतना ही नहीं, बोर्ड न यह सर्टिफिकेट भी जारी नहीं किया था। ऐसे में इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने आरोपित महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।