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बेड़ियां तोड़ चंडीगढ़ की ट्रांसजेंडर किट्टू सौरव ने फतेह की लद्दाख की वर्जिन पीक, अब माउंट एवरेस्ट पर नजर

चंडीगढ़ की ट्रांसजेंडर किट्टू सौरव लद्दाख की वर्जिन पीक फतेह करने वाली वह देश की पहली ट्रांसजेंडर हैं। उन्होंने सदियों से चली आ रहीं सामाजिक बेड़ियों को तोड़ते हुए मुकाम हासिल किया है। अब उनकी नजर माउंट एवरेस्ट पर है।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 01:05 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 01:05 PM (IST)
बेड़ियां तोड़ चंडीगढ़ की ट्रांसजेंडर किट्टू सौरव ने फतेह की लद्दाख की वर्जिन पीक, अब माउंट एवरेस्ट पर नजर
चंडीगढ़ की ट्रांसजेंडर किट्टू सौरव (दाएं) खेल मंत्री किरण रिजूजू के साथ। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। ट्रांसजेंडर को लेकर समाज को अपना नजरिया बदलने की जरूरत है। वे किसी से कम नहीं हैं। यह एक बार फिर साबित कर दिखाया है चंडीगढ़ की किट्टू सौरव ने। किट्टू ने अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में लद्दाख स्थित छह हजार फीट ऊंची वर्जिन पीक काे फतेह करके वहां तिरंगा फहराया है। ऐसा करने वाली वह देश की पहली ट्रांसजेंडर हैं। उन्होंने सदियों से चली आ रहीं सामाजिक बेड़ियों को तोड़ते हुए मुकाम हासिल किया है। अब किट्टू की नजर माउंट एवरेस्ट जीतने पर है। इसके लिए वह नेपाल में मेघा परमार और सोवियत रॉय के पास ट्रेनिंग ले रही हैं।

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मेरी आंखों में इंसानों जैसे सपनेः किट्टू सौरव

किट्टू की मानें ताे सोचने की शक्ति चाहे लड़कियों जैसी है लेकिन दिल और आंखों में सपने एक इंसान जैसे हैं। इन्हें पूरा करने के लिए एक छोटा सा प्रयास किया है। अभी माउंट एवरेस्ट पर पहुंचने के लिए लाखों रूपये की जरूरत है जिसके लिए मैं समाज से मदद लेने की कोशिश कर रही हूं।

मंगलमुखी डेरे से जुड़ी हैं किट्टू

चंडीगढ़ स्थित मंगलमुखी ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड की प्रेसीडेंट काजल के साथ किट्टू सौरव।

किट्टू बीते पांच सालों से मनीमाजरा में स्थित मंगलमुखी ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड से जुड़ी हैं। घर छोड़ने के बाद किट्टू ने इसी डेरे में रहकर दसवीं और बारहवीं की पढ़ाई पूरी की है। मंगलमुखी ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड की प्रेसीडेंट काजल मंगलमुखी ने बताया कि उनका प्रयास रहा है कि किन्नर बंधनों में बंधकर न रहें बल्कि वह भी उसी प्रकार नाम कमाएं जैसे कि एक आम पुरुष और औरत करते हैं। यहां रहने वाले हर किन्नर का पहला काम है कि वह पढ़-लिखकर अपने सपने पूरा करे।

लद्दाख की वर्जिन पीक फतेह करने के बाद किट्टू सौरव।

कौन हैं किट्टू सौरव, जानिए

किट्टू सौरव का जन्म चंडीगढ़ के सेक्टर-52 में हुआ था। जन्म से वह एक लड़का था। 12 से 14 साल की उम्र में पहुंचने पर अनुभव हुआ कि उसकी सोच लड़कियों जैसी है। इसके बाद घर वालों से घर से निकाल दिया। किट्टू के माता-पिता दोनों ही मजदूरी करते हैं।

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