स्टार्टअप्स के लिए खुशखबरी, चंडीगढ़ में जल्द लॉन्च होगा ई-पोर्टल
चंडीगढ़ में स्टार्टअप शुरू करने वालों के लिए खुशखबरी। प्रशासन अगले माह ई-पोर्टल लॉन्च करेगा जिससे स्टार्टअप नीति के तहत युवाओं को सुविधाएं मिलेंगी। 29 अप्रैल को स्टार्टअप नीति की अधिसूचना जारी की गई थी। पोर्टल शुरू होने के बाद नीति के तहत स्टार्टअप्स को कई लाभ मिलेंगे जैसे आयकर में छूट। प्रशासन स्टार्टअप के लिए अनुकूल माहौल बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। स्टार्टअप शुरू करने वालों के लिए एक राहत वाली खबर है कि प्रशासन ने ई पोर्टल तैयार कर लिया है। अंतिम ट्रायल चल रहा है। पोर्टल को अगले माह लांच कर दिया जाएगा, जिसमें पालिसी के तहत सुविधाएं लेने के लिए युवा आवेदन कर सकते हैं।
मालूम हो कि 29 अप्रैल को प्रशासन ने स्टार्टअप नीति की अधिसूचना जारी की थी। उद्योग सचिव निशांत यादव ने पोर्टल को लेकर पिछले सप्ताह भी अधिकारियों के साथ बैठक की है। इस समय प्रशासन का पूरा फोकस स्टार्टअप के प्रति शहर का माहौल तैयार करना है।
पोर्टल शुरू होने के बाद ही नीति के तहत जो जो सुविधाएं और फायदें तय किए हैं। वह स्टार्टअप शुरू करने वाले युवाओं को मिलने शुरू होंगे। युवा स्टार्टअप नीति के बनने के बाद अब पोर्टल के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।
तीन साल तक आयकर में छूट
प्रशासन के अनुसार स्टार्टअप शुरू करने वाला दस साल के दौरान तीन साल की आयकर छूट ले सकता है। बजट 2025 में इस लाभ के लिए स्टार्टअप के गठन की अंतिम तिथि को 31 मार्च 2030 तक बढ़ा दिया गया है। नीति के प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए पालिसी मानिटरिंग एंड इम्प्लीमेंटेशन कमेटी का गठन किया गया है।
इस कमेटी का काम चयनित स्टार्ट अप और इन्क्यूबेटर को स्वीकृति प्रदान करना होगा। इसके साथ ही स्टार्टअप सेल की स्थापना की जाएगी। स्टार्टअप नीति के संचालन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। इसमें उद्योग सचिव, स्टार्टअप विशेषज्ञ, वित्त विशेषज्ञ, शैक्षणिक संस्थानों और इनक्यूबेटर प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया है।
हर साल स्टार्टअप फेस्ट भी होंगे आयोजित
स्टार्टअप को स्पेस से लेकर ग्रांट तक नए आइडिया को प्रशासन की ओर से प्रमोट किया जाएगा। इसके लिए हर साल युवाओं का मनाेबल बढ़ाने के लिए सरकारी तौर पर स्टार्टअप फेस्ट का भी आयोजन किया जाएगा। कुल मिलाकर स्टार्टअप्स के लिए 24.6 करोड़ का फंड निर्धारित किया गया है। नीति के कार्यान्वयन के लिए हर वर्ष 10 करोड़ का विशेष कोष रखा गया है।
यदि किसी स्टार्टअप के खिलाफ धोखाधड़ी या शिकायत आती है, तो उच्च स्तरीय समिति द्वारा जांच कर निर्णय लिया जाएगा।10 वर्षों के बाद या वार्षिक टर्नओवर 100 करोड़ से अधिक होने पर स्टार्टअप का दर्जा समाप्त हो जाएगा।
टेक्नोलाजी अपग्रेडेशन के लिए 50 लाख की मिलेगी मदद
सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों के इन्क्यूबेटर्स को टेक्नोलाजी अपग्रेडेशन के लिए 25 प्रतिशित परियोजना लागत या अधिकतम 30 लाख (सरकारी) और 20 लाख (निजी) तक की सहायता की जाएगी। प्रत्येक इन्क्यूबेटर को संचालन व्यय के लिए 7.5 लाख का वार्षिक अनुदान दिया जाएगा। स्टार्टअप्स के लिए वार्षिक मेंटरशिप प्रोग्राम के लिए 5 लाख का प्रविधान रखा गया है।
प्रत्येक इनक्यूबेटर को 7.5 लाख संचालन व्यय के लिए और 5 लाख वार्षिक मेंटरशिप कार्यक्रम के लिए दिए जाएंगे। सरकारी सहायता प्राप्त को-वर्किंग स्पेसेज को स्टार्टअप्स के लिए पसंदीदा कार्यस्थल के रूप में चिह्नित किया जाएगा।

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