चंडीगढ़ में डीसी चाहे तब भी सिफारिशी फाइल पहले नहीं निपटा पाएंगे, प्रशासन की कार्यप्रणाली में होने जा रहा बड़ा बदलाव, आप भी जानें
चंडीगढ़ के संपदा विभाग में जनवरी से फर्स्ट-इन-फर्स्ट-आउट सिस्टम लागू होने जा रहा है। अब डीसी भी सिफारिशी फाइल को पहले नहीं निपटा पाएंगे। इस सिस्टम के ...और पढ़ें

संपदा विभाग में मैनुअल सिस्टम को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा और कोई भी फाइल ऑफलाइन नहीं ली जाएगी।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। अब डीसी भी चाहेंगे कि किसी का काम पहले हो जाए या बाद में फाइलों को निपटा दिया जाए तो ऐसा नहीं हो पाएगा। संपदा विभाग में जनवरी से एफआईएफओ (फर्स्ट-इन-फर्स्ट-आउट) सिस्टम लागू करने की तैयारी पूरी हो चुकी। इस तरह का डिजिटल माॅडल बनाया गया है कि हर काम ऑनलाइन ही होगा।
ऑनलाइन ही आगे फाइल ऊपर से नीचे भेजी जाएगी। इस सिस्टम से सिफारिश पूरी तरह से बंद हो जाएगी। संपदा विभाग के अनुसार इस सिस्टम के लागू होने से अगर कोई किसी की फाइल या काम पहले करने की सिफारिश करता है तो अधिकारी और कर्मचारी चाहते हुए ऐसा नहीं कर पाएगा।
ऐसे घूमती है फाइल
संपदा विभाग में फाइल क्लर्क, सहायक, शाखा प्रभारी, एईओ उसके बाद संपदा अधिकारी एवं डीसी के पास जाती है। इस सिस्टम के लागू होने के बाद कोई भी अधिकारी किसी को फेवर करते हुए पुरानी तारीख पर भी हस्ताक्षर करके फाइल निकालने का फायदा नहीं पहुंचा पाएगा।
सार्वजनिक सेवाओं की डिलीवरी में पारदर्शिता बढ़ाना उद्देश्य
इस नई प्रणाली को लागू करने का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक सेवाओं की डिलीवरी में पारदर्शिता बढ़ाना, नागरिकों को समान अवसर प्रदान करना और विवेकाधीन निर्णयों पर पूर्ण रूप से रोक लगाना है। पहले यह शिकायतें सामने आती थीं कि कुछ आवेदनों को प्राथमिकता दी जाती है, जबकि अन्य लंबित रह जाते हैं।
नई प्रणाली के बाद ऐसी शिकायतों पर प्रभावी अंकुश लगेगा। फीफो ढांचे के अंतर्गत, ऑनलाइन पोर्टल पर जमा होने वाले प्रत्येक आवेदन को सिस्टम द्वारा स्वतः एक क्रमांक आवंटित किया जाएगा। यह क्रमांक आवेदन की तिथि और समय के आधार पर दिया जाएगा। इसके बाद सभी आवेदन उसी क्रम में प्रोसेस किए जाते हैं।
60 लाख दस्तावेज को किया जा रहा है स्कैन
संपदा विभाग के अनुसार सभी मैनुअल दस्तावेजों को स्कैन किया जा रहा है। ऐसे 60 लाख दस्तावेज हैं जिनमें लोगों की प्राॅपर्टी से जुड़े दस्तावेज भी हैं। इनमें से दस लाख दस्तावेजों को स्कैन कर लिया गया है। अधिकारियों के अनुसार अगर वह दस्तावेज गुम हो जाते हैं या आगजनी होने पर जल भी जाते हैं तो इसका कोई फर्क नहीं पड़ेगा। वह दस्तावेज पहले से ऑनलाइन संपदा विभाग के सिस्टम में मौजूद होंगे।
संपदा विभाग के अनुसार अब मैनुअल सिस्टम को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा और कोई भी फाइल ऑफलाइन नहीं ली जाएगी। इसके साथ ही प्रापर्टी की रजिस्ट्ररी और मालिकाना हक बदलने पर एक सप्ताह के भीतर अपने आप ही ऑनलाइन दस्तावेज में रिकाॅर्ड बदल जाएगा। इसके लिए अधिकारियों के अलग से चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी। मालूम हो कि संपदा विभाग में लंबे समय से पारदर्शिता को लेकर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं।
संपदा विभाग में फर्स्ट-इन-फर्स्ट-आउट सिस्टम को जनवरी से लागू किया जा रहा है। नई व्यवस्था के तहत एस्टेट ऑफिस के ऑनलाइन पोर्टल पर प्राप्त सभी आवेदनों का निपटारा केवल उनके प्राप्त होने के क्रम के अनुसार ही किया जाएगा। किसी भी प्रकार की मनमानी या पक्षपात की संभावना समाप्त हो जाएगी। इसके साथ ही कई और सुधार भी किए जा रहे हैं।
-निशांत यादव, डीसी एवं संपदा अधिकारी

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