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    चंडीगढ़ में Tax जमा न करने वालों पर सख्ती, 20 हजार से ऊपर वाले Defaulters की संपत्ति होगी कुर्क, निगम ने भेजे Notice

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 07:37 PM (IST)

    चंडीगढ़ नगर निगम कर जमा न करने वालों पर सख्त हो गया है। अलग-अलग स्लैब में प्राॅपर्टी टैक्स डिफाल्टरों की सूची तैयार कर कार्रवाई के लिए नोटिस भेजे जा र ...और पढ़ें

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    चंडीगढ़ नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स जमा न कराने वालों पर की सख्ती।

    बलवान करिवाल, चंडीगढ़।  नगर निगम एक तरफ वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाकर चैरिटेबल ट्रस्ट, सरकारी स्वायत्त संस्थानों को प्राॅपर्टी टैक्स के ब्याज और जुर्माने में छूट देकर बड़ी राहत दी है। वहीं, निजी संपत्ति के टैक्स डिफाॅल्टरों पर सख्ती बढ़ाई जा रही है।

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    निगम ने 20 हजार रुपये से ऊपर के सभी टैक्स डिफाॅल्टरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। ऐसे सभी प्राॅपर्टी टैक्स डिफाॅल्टरों की सूची तैयार कर उन्हें संपत्ति कुर्क करने के नोटिस भेजे जा रहे हैं। इससे पहले निगम ने 50 हजार रुपये से ऊपर के डिफाॅल्टरों को नोटिस भेजकर कार्रवाई की थी।

    अलग-अलग स्लैब में प्राॅपर्टी टैक्स डिफाल्टरों की सूची तैयार कर कार्रवाई के लिए नोटिस भेजे जा रहे हैं। पहली स्लैब 50 हजार, फिर 30 हजार अब 20 हजार के डिफाॅल्टरों को सूची में शामिल कर कार्रवाई की जा रही है। साथ ही पानी के कनेक्शन काटने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।

    निर्धारित समय में बकाया चुकता नहीं करने पर पानी का कनेक्शन काटने के साथ प्राॅपर्टी अटैचमेंट या दोनों कार्रवाई होंगी। पंजाब म्यूनिसिपल काॅरपोरेशन एक्ट (एक्सटेंशन टू चंडीगढ़) -1994 के तहत निगम प्रापर्टी टैक्स डिफाॅल्टरों की प्राॅपर्टी अटैच कर सकता है और बेच सकता है।

    नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार ने टैक्स डिफाॅल्टरों से सख्ती से निपटने के आदेश दिए हैं। निगम के टैक्स डिफाॅल्टरों के पास 170 करोड़ से अधिक बकाया है। इसमें 100 करोड़ रुपये के मामले न्यायालय में विचाराधीन या विवादित हैं।


     


    81 करोड़ से अधिक टैक्स जमा

    सख्ती का असर भी हो रहा है। निगम ने इस वर्ष अभी तक रिकार्ड करीब 82 करोड़ रुपये टैक्स जुटा लिया है। जबकि पिछले पूरे वर्ष में 59 करोड़ रुपये ही टैक्स जमा हुआ था। अभी इस वित्त वर्ष के पांच महीने शेष हैं। ऐसे में प्राॅपर्टी टैक्स जमा होने का आंकड़ा 100 करोड़ को पार करने की पूरी संभावना निगम अधिकारी जता रहे हैं।

    पुराने बड़े टैक्स डिफाॅल्टरों से एरियर वसूली

    केवल नए टैक्स डिफाॅल्टरों पर ही सख्ती नहीं हो रही, बल्कि पुराने और बड़े टैक्स डिफाल्टरों से भी एरियर वसूला जा रहा है। सबसे बड़े टैक्स डिफाल्टरों में से एक पीजीआई ने 11 करोड़ रुपये निगम को एरियर के रूप में जमा करा दिए हैं। रेलवे ने तीन करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं। अब ओटीएस में भी अधिकतर केस निपटने की उम्मीद निगम अधिकारियों को है।

    यह बड़े देनदार

    पंजाब यूनिवर्सिटी पर सबसे अधिक करीब 60 करोड़ रुपये, आईटी पार्क पर 45 करोड़, पीजीआइ पर 23 करोड़ रुपये बकाया है। पीजीआई ने हाल ही में नगर निगम को 11 करोड़ रुपये जमा कराए हैं। यूटी इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट पर 16 करोड़ रुपये, गोल्फ क्लब पर 12 करोड़ रुपये, पंजाब इंजीनियरिंग कालेज पर 10 करोड़ रुपये बकाया हैं। रेलवे स्टेशन ने 2.98 करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं।