चंडीगढ़ के युवाओं के लिए अच्छी खबर, एक जनवरी से मिलेगा स्टार्टअप सब्सिडी का लाभ, मुख्य सचिव ने दी मंजूरी
चंडीगढ़ के युवा उद्यमियों के लिए खुशखबरी! 1 जनवरी से स्टार्टअप नीति लागू होने पर सब्सिडी मिलेगी। मुख्य सचिव की कमेटी ने गाइडलाइंस मंजूर कर दी हैं, जिस ...और पढ़ें

पोर्टल की मदद से उद्यमी स्टार्टअप नीति के तहत सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकेंगे।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। नए साल पर युवा उद्यमियों को तोहफा मिलने जा रहा है। एक जनवरी से स्टार्टअप नीति पूरी तरह से लागू हो जाएगी। यंग इनोवेटर्स स्टार्टअप नीति के तहत सब्सिडी का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। मुख्य सचिव के नेतृत्व में गठित कमेटी ने स्टार्टअप नीति की गाइडलाइंस को मंजूरी दे दी है। अब इसे अधिसूचना के लिए यूटी प्रशासक गुलाब चंद कटारिया को भेजा गया है।
छह माह से अधिसूचना जारी होने के बाद भी नीति के लाभ लोगों और युवाओं को नहीं मिल रहे हैं। इस साल 29 अप्रैल को प्रशासन ने स्टार्टअप नीति की अधिसूचना जारी की थी। प्रशासन के अनुसार स्टार्टअप शुरू करने वाला दस साल के दौरान तीन साल की आयकर छूट ले सकता है। बजट 2025 में इस लाभ के लिए स्टार्टअप के गठन की अंतिम तिथि को 31 मार्च 2030 तक बढ़ा दिया गया है।
नीति के प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए पाॅलिसी माॅनिटरिंग एंड इम्प्लीमेंटेशन कमेटी का गठन किया गया है। जिसका नेतृत्व औद्योगिक सचिव होंगे। कमेटी के संयोजक उद्योग निदेशक होंगे। इस कमेटी का काम चयनित स्टार्टअप और इन्क्यूबेटर को स्वीकृति प्रदान करना होगा इसके साथ ही स्टार्टअप सेल की स्थापना की जाएगी।
उद्योग सचिव एवं उपायुक्त निशांत कुमार यादव का कहना है कि अगले सप्ताह अधिसूचना जारी हो जाएगी। इसके बाद 1 जनवरी से पोर्टल की मदद से उद्यमी स्टार्टअप नीति के तहत सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकेंगे। जनवरी से मार्च के बीच प्राप्त आवेदनों का मूल्यांकन कर सब्सिडी जारी की जाएगी। इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल भी जल्द लॉन्च किया जाएगा।
16 दिसंबर को संसद में उठा था मामला
लोकसभा में भी यह मामला 16 दिसंबर को सांसद मनीष तिवारी की ओर से उठाया गया था जिसमें केंद्र सरकार ने जवाब दिया था कि नीति के क्रियान्वयन के लिए दिशानिर्देश, ई-पोर्टल, समितियों का गठन और ऑडिट योग्य प्रणाली अभी अंतिम चरण में है। इसके चलते स्टार्टअप्स को मिलने वाले वित्तीय व गैर-वित्तीय प्रोत्साहन अभी शुरू नहीं हो पाए हैं।
कौन होंगे पात्र
दिशा-निर्देशों के अनुसार, सब्सिडी के लिए वही स्टार्टअप पात्र होंगे जिन्हें उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त हो तथा जिनका कार्यालय चंडीगढ़ में स्थित हो। आवेदन मिलने के बाद नीति निगरानी एवं क्रियान्वयन समिति द्वारा जांच की जाएगी।
यदि पात्रता में कोई कमी नहीं पाई जाती, तो 15 दिनों के भीतर स्वीकृति दी जाएगी। किसी कमी की स्थिति में स्टार्टअप को 15 दिन का समय दिया जाएगा। हालांकि आवेदन वर्ष भर स्वीकार किए जाएंगे, लेकिन समिति की बैठक तिमाही आधार पर ही होगी।
चंडीगढ़ 2030 विजन से जुड़ी उम्मीदें
नवंबर 2022 में जारी चंडीगढ़ 2030 और उससे आगे विजन दस्तावेज में शहर में रोजगार के सीमित अवसर, कमजोर उद्योग-शिक्षा सहयोग और तकनीकी कौशल की कमी को रेखांकित किया गया था। दस्तावेज में डिजिटल नौकरियों को बढ़ावा देने, आइटी पार्क को पुनर्जीवित करने और फिल्म सिटी या मीडिया हब जैसी नई संभावनाओं की सिफारिश की गई थी।
हर वर्ष 10 करोड़ का विशेष कोष रखा गया
नीति में स्टार्टअप को स्पेस से लेकर ग्रांट तक नए आइडिया को प्रशासन की ओर से प्रमोट किया जाएगा। इसके लिए हर साल युवाओं का मनोबल बढ़ाने के लिए सरकारी तौर पर स्टार्टअप फेस्ट का भी आयोजन किया जाएगा। कुल मिलाकर स्टार्टअप्स के लिए 24.6 करोड़ का फंड निर्धारित किया गया है। नीति के कार्यान्वयन के लिए हर वर्ष 10 करोड़ का विशेष कोष रखा गया है।
यदि किसी स्टार्टअप के खिलाफ धोखाधड़ी या शिकायत आती है, तो उच्च स्तरीय समिति द्वारा जांच कर निर्णय लिया जाएगा। 10 वर्षों के बाद या वार्षिक टर्नओवर 100 करोड़ से अधिक होने पर स्टार्टअप का दर्जा समाप्त हो जाएगा।
सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों के इन्क्यूबेटर्स को टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के लिए 25 प्रतिशत परियोजना लागत या अधिकतम 30 लाख (सरकारी) और 20 लाख (निजी) तक की सहायता की जाएगी।
प्रत्येक इन्क्यूबेटर को संचालन व्यय के लिए 7.5 लाख का वार्षिक अनुदान दिया जाएगा। उधर गुजरात के गिफ्ट सिटी की तर्ज पर चंडीगढ़ में सिफ्ट सिटी बनाने के मुद्दे पर भी प्रशासन ने काम तेज कर दिया है।
चंडीगढ़ स्टार्टअप नीति (2025–2030) का उद्देश्य
- 200 नए स्टार्टअप्स की स्थापना एवं विकास को बढ़ावा देना
- स्टार्टअप के हर चरण में वित्तीय व गैर-वित्तीय सहायता प्रदान करना

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