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    चंडीगढ़ बनेगा स्टार्टअप कैपिटल, सिर्फ युवा ही नहीं महिलाओं पर भी होगा फोकस; इस महीने लागू होगी नीति

    Updated: Thu, 16 Jan 2025 01:53 PM (IST)

    पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ एक स्टार्टअप कैपिटल बन चुकी है। यहां स्टार्ट अप नीति को फाइनल किया जा चुका है। इस महीने के अंत में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। इस बार पॉलिसी में महिलाओं पर फोकस किया गया है। स्टार्टअप शुरू करने वालों को टैक्स में तीन साल तक की छूट दी जाएगी। स्टार्ट अप के लिए 65 हजार से 25 लाख रुपये देने के का भी प्रावधान है।

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    राजधानी चंडीगढ़ में स्टार्ट अप नीति की शुरुआत, महिलाओं पर विशेष ध्यान

     राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। आखिरकार प्रशासन ने स्टार्टअप नीति को फाइनल कर ही दिया है। इसकी अधिसूचना जनवरी के अंत तक कर दी जाएगी। नीति के तहत नया कारोबार और उद्योग शुरू करने वालो को कई सुविधाएं दी जाएगी।

    महिलाओं पर विशेष ध्यान, 33 फीसदी महिलाओं के लिए आरक्षित 

    इस समय डीसी निशांत यादव के पास उद्योग विभाग के सचिव का चार्ज है। प्रस्तावित पॉलिसी में महिलाओं का विशेष ध्यान दिया गया है जिसके तहत 33 फीसद स्टार्टअप महिलाओं के लिए आरक्षित रखा गया है।

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    नीति में स्टार्टअप शुरू करने वालों को टैक्स में तीन साल तक छूट देने का प्रावधान भी शामिल है। इसके अलावा अगर स्टार्टअप शुरू करने के बाद उसमें कोई समस्या आती है तो कंपनी को बंद करने की प्रक्रिया को भी आसान किया जाएगा।

    प्रशासन के अनुसार, स्टार्टअप के लिए 65 हजार से लेकर 25 लाख रुपये तक की वित्तीय मदद का प्रावधान रखा है। नीति के तहत 50 करोड़ रुपये का फंड अलग से रखा गया है जिसके तहत युवा उद्यमियों को लाभ मिलेंगे।

    नीति को लागू करने के लिए एक चंडीगढ़ इनोवेशन काउंसिल का गठन किया गया है, जिस पर नीति को प्रभावी तरीके से लागू करने की जिम्मेदारी है। ट्राईसिटी में कई स्टार्टअप कंपनियां है जिन्होंने देश में अपना नाम रोशन किया है।

    स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत 16 जनवरी, 2016 को हुई थी। वर्तमान प्रशासक गुलाब चंद कटारिया के अलावा पिछले प्रशासक भी नीति की सिफारिशों पर मंथन कर चुके हैं। जिनके सुझाव पर दूसरे राज्यों में लागू नीति का भी अध्ययन किया गया है।

    काउंसिल के अंतर्गत ही अन्य विभाग करेंगे काम

    नीति को लागू करने के लिए एक चंडीगढ़ इनोवेशन काउंसिल का गठन किया जा चुका है जो नीति को प्रभावी तरीके से लागू करेगी। इस काउंसिल के अंतर्गत ही अन्य विभाग काम करेंगे।

    नीति के अंदर स्टार्टअप शुरू करने वाले उद्यमियों के लिए कई तरह के ऑफर हैं। नीति का कार्यकाल अधिसूचना की तारीख से पांच वर्ष के लिए होगा। चंडीगढ़ की स्टार्टअप नीति महिलाओं और युवाओं पर आधारित होगी ताकि इस वर्ग को अधिक से अधिक लाभ दिलाया जा सके।

    महिलाओं को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण देने का प्रावधान इस नीति में रहेगा। वहीं युवाओं के लिए काउंसिल के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ करार किया जाएगा।

    छह जनवरी को दिया गया था अचीवर अवॉर्ड

    हाल ही में छह जनवरी को केंद्र सरकार की ओर से चंडीगढ़ को 'लाजिस्टिक्स ईज अक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स' रैंकिंग में अचीवर अवॉर्ड मिला है। यह उपलब्धि केंद्र शासित प्रदेश श्रेणी में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन का परिणाम है।

    यह अवॉर्ड शहर में बेहतर औद्योगिक माहौल और उद्योगों को मिल रही बेहतर सुविधाओं के लिए दिया गया है।

    शहर में हैं 335 स्टार्ट-अप

    डेढ़ साल पहले स्टार्टअप के मुद्दे पर लोकसभा में भी बात हुई थी। उस समय तत्कालीन मंत्री वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने शहर का बात की थी।

    अब तक शहर में स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत मान्यता प्राप्त 335 स्टार्ट-अप हैं। केंद्र के स्टार्टअप इंडिया पॉलिसी अभियान की शुरुआत के बाद ही यू.टी. (union territory) प्रशासन ने वर्ष 2018 में पॉलिसी तैयार करनी शुरू की थी ताकि शहर के उद्यमियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ही एक पॉलिसी तैयार की जा सकें।

    क्रेडिट गारंटी फंड भी होगा

    स्टार्टअप के लिए क्रेडिट गारंटी फंड भी होगा। लोन देना जोखिम वाला क्षेत्र है। इसलिए बैंकों को स्टार्टअप्स को लोन देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

    अगर किसी कंपनी में समस्या आती है, तो उसे बंद करना आसान होगा। जिन्होंने कम मात्रा में लोन लिया होगा, उन्हें 90 दिन के अंदर फास्ट ट्रैक के आधार पर कंपनी को बंद करने की व्यवस्था की जाएगी। प्रोसेस को भी आसान बनाया जाएगा।

    उभरते स्टार्ट-अप में सॉफ्ट स्किल और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए इनक्यूबेटर, को-वर्किंग स्पेस और मेंटरशिप प्रोग्राम सहित एक मजबूत सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया था। महिला उद्यमियों के लिए कार्यशालाएं आयोजित की जाएगी।

    इन कार्यशालाओं में कानूनी गतिविधियों,विपणन, ब्रैंडिंग,बिक्री और फ़ंड जुटाने पर सेशन होते हैं। महिला उद्यमियों को प्रशिक्षण देने के लिए गैर-सरकारी संगठनों को अनुदान दिया जाएगा।

    छह साल से नीति का है इंतजार

    छह साल से युवा उद्योगपति नई स्टार्टअप नीति का इंतजार कर रहे हैं। इस दौरान कई अधिकारी बदल चुके है जिन्होंने नीति को सिरे चढ़ाने के लिए 50 से ज्यादा बैठक की लेकिन इसके बावजूद नीति की अधिसूचना अब तक नहीं हुई है।

    डेढ़ महीने पहले प्रशासन में तैनात इंडस्ट्री सचिव और आइएएस हरगुनजीत सिंह वापस पंजाब अपने मूल कैडर में जा चुकी है। उद्योग एवं डीसी के सचिव निशांत यादव ने बताया कि स्टार्टअप नीति तैयार हो चुकी है। अंतिम चरण पर सिफारिशों का अध्ययन चल रहा है।

    15 से 20 दिन के भीतर इसकी अधिसूचना जारी करके इसे लागू कर दिया जाएगा। नया स्टार्टअप शुरू करने वालों को नीति के लागू होने से काफी फायदा मिलेगा।

    शहर से निकले शीर्ष स्टार्टअप की सूची

    डॉ. केएस भाटिया ने पंपकार्ट नाम से स्टार्टअप शुरू किया था। किफायती और आधुनिक एग्रीकल्चर टूल्स उपलब्ध कराने वाले इस स्टार्टअप के देशभर में स्टोर खुले।

    इंद्रवीर सिंंह, हरनूर कौर और पुलकित का इवेज आटोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड नाम से स्टार्टअप।

    सिद्धार्थ ने डोर्को रेजर नाम से किया स्टार्टअप।

     रूचित गर्ग ने एचएफए किसान मोबाइल एप शुरू कर किया स्टार्टअप।

     डा. नीना गुप्ता ने जस्ट हर्बल नाम से शुरू किया स्टार्टअप।

    समर सिंगला ने जुगून, जंगलवर्क्स और क्लिकलैब नाम से किए स्टार्टअप।

    सचिन गोयल ने बच्चों के लिए शुरू हेल्दी फूड जिंगावीटा का किया स्टार्टअप।