चंडीगढ़ में सोलर पावर प्लांट न लगाने पर रजिस्ट्री रद का नहीं निर्देश, कांग्रेस से सांसद तिवारी के सवाल पर केंद्र सरकार का जवाब
केंद्र सरकार ने सांसद मनीष तिवारी के सवाल के जवाब में कहा कि सोलर पावर प्लांट न लगाने पर रजिस्ट्री रद करने का कोई निर्देश नहीं है। प्रशासन ने एक कनाल ...और पढ़ें

सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में उठाए थे सवाल।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। लोकसभा में केंद्र सरकार ने कांग्रेस से सांसद मनीष तिवारी के पूछे गए सवाल के जवाब में कहा है कि ऐसा कोई भी निर्देश जारी नहीं किया गया जिसके तहत सोलर पावर प्लांट न लगाने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
प्रशासन ने एक कनाल और उससे बड़े मकानों पर सोलर पावर प्लांट लगाना अनिवार्य किया था। ऐसा न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला लिया गया था। सांसद का कहना है कि अक्टूबर से दिसंबर 2024 के बीच प्रशासन ने शहरवासियों को चेतावनी दी थी कि यदि उन्होंने निर्धारित समयसीमा के भीतर अपने घरों पर सोलर रूफटाप नहीं लगवाए तो उनकी संपत्ति रजिस्ट्री रद की जा सकती है।
अब नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ऐसा कोई निर्देश मंत्रालय ने जारी नहीं किया था, जिससे प्रशासन की कार्रवाई और दावों पर सवाल उठते हैं। तिवारी ने कहा कि यह पूरा मामला चंडीगढ़ प्रशासन और केंद्र सरकार के बीच समन्वय की कमी और विरोधाभासी बयानों को उजागर करता है, जिसे लोगों के साथ पारदर्शिता के लिए तुरंत स्पष्ट किया जाना चाहिए।
सांसद बोले-संख्या संदिग्ध प्रतीत होती है
सांसद तिवारी ने आंकड़े पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या वास्तव में प्रशासन के पास 6000 सरकारी भवन हैं, क्योंकि शहर की संरचना और आकार को देखते हुए यह संख्या संदिग्ध प्रतीत होती है। उन्होंने सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की है कि ये 6000 भवन कौन से हैं और उनकी सूची सार्वजनिक की जाए।
प्रशासन और क्रेस्ट के अधिकारियों का कहना है कि इन छह हजार इमारतों में सरकारी मकान भी शामिल हैं, जो विभिन्न सेक्टरों में स्थित है और जिनमें सरकारी कर्मचारी निवास करते हैं। शहर में लगभग 5700 सरकारी मकान हैं, जिन्हें इस श्रेणी में शामिल किया गया है।
चंडीगढ़ में प्रशासन ने छह हजार सरकारी इमारतों पर सोलर पैनल स्थापित किए हैं, जिनसे 52.825 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। यह जानकारी केंद्र सरकार ने संसद में सांसद के पूछे गए सवालों के जवाब में दी।
तिवारी ने पंजाब और हरियाणा की सरकारी इमारतों की छतों पर लगे सोलर प्लांट की जानकारी मांगी थी। केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाईक ने बताया कि हरियाणा में 2411 और पंजाब में 4474 सरकारी इमारतों पर सोलर प्लांट लगे हैं।
न्यायिक मामलों के विवाद से कोई नया प्लांट विकसित नहीं कर पाया निगम
सांसद ने लोकसभा में साल 2004 से 2023 तक लगातार बढ़ते डड्डूमाजरा लैंडफिल कचरा ढेर के बावजूद चंडीगढ़ में अभी तक कोई पूर्ण विकसित कचरे से ऊर्जा संयंत्र क्यों स्थापित नहीं किया गया, इस पर भी सवाल उठाया।
इसके जवाब में बताया गया कि डड्डूमाजरा स्थल पर गीले और सूखे कचरे की पहले से ही प्रोसेसिंग की जा रही है, जहां सामग्री को आरडीएफ यूनिट में भेजा जाता है, जो स्वयं कचरे से ऊर्जा संयंत्र प्रक्रिया का मान्यता प्राप्त हिस्सा है।
केंद्र सरकार के दिए गए जवाब में कहा गया है कि कई वर्षों तक यह संयंत्र न्यायिक मामलों के कारण विवाद में घिरा रहा, जिससे नगर निगम कोई नया कार्य, पुनर्गठन या पूर्ण विकसित प्लांट सुविधा स्थापित नहीं कर सका।

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