Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मोहाली में हुए सड़क हादसे में परिवार को मिली राहत, ट्रिब्यूनल का बड़ा फैसला

    चंडीगढ़ में तीन साल पहले हुए एक सड़क हादसे में मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ने पीड़ित परिवार को बड़ी राहत दी है। ट्रिब्यूनल ने मृतक मुनीष कुमार के परिवार को 35.91 लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला सुनाया। मुनीष की 21 अप्रैल 2022 को एक तेज रफ्तार कार से टक्कर हो गई थी जिसमें उनकी मौत हो गई थी। मुनीष एक सिक्योरिटी गार्ड था।

    By Ravi Atwal Edited By: Sohan Lal Updated: Thu, 28 Aug 2025 06:42 PM (IST)
    Hero Image
    तीन साल पहले मोहाली के गांव फतेहपुर निवासी युवक की एक कार से टक्कर में मौत हो गई थी।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़।  मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ने तीन साल पहले हुए भयानक सड़क हादसे में जान गंवाने वाले सिक्योरिटी गार्ड  के परिवार को बड़ी राहत दी है। ट्रिब्यूनल ने पीड़ित परिवार को 35.91 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने का फैसला सुनाया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    21 अप्रैल 2022 को मोहाली के गांव फतेहपुर निवासी 39 वर्षीय मुनीष कुमार की एक कार से टक्कर में मौत हो गई थी। उसके परिवार ने आरोपित चालक मनीमाजरा निवासी अशोक कुमार और कार की इंश्योरेंस कंपनी इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस के खिलाफ मुआवजे के लिए याचिका दायर की थी। मुआवजे की रकम इंश्योरेंस कंपनी को भरनी पड़ेगी।

    परिवार ने याचिका में बताया था कि 21 अप्रैल 2022 को शाम करीब साढ़े सात बजे मुनीष गांव फतेहपुर से माजरी ब्लाक के बस स्टैंड की तरफ जा रहा था। वह बुलेट मोटर साइकिल पर सवार था और धीमी गति से ड्राइविंग कर रहा था। तभी पीछे से आ रही एक तेज रफ्तार कार ने ओवरटेक करने के चक्कर में मोटर साइकिल को पीछे से टक्कर मार दी।

    टक्कर लगते ही मुनीष सड़क पर गिर पड़ा और बुरी तरह चोटिल हो गया। उसे खरड़ के सिविल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। वहीं, हादसे के बाद आरोपित कार चालक मौके से फरार हो गया था।

     मुनीष पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी

    पीड़ित परिवार ने याचिका में बताया कि मुनीष की उम्र महज 39 साल थी। वह सेक्टर-9 चंडीगढ़ की एक कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था। उसकी महीने की कमाई करीब 35 हजार रुपये थी। उस पर पूरे परिवार की जिम्मेदारी थी।

    परिवार ने आरोप लगाया कि यह हादसा कार चालक की लापरवाही और तेज रफ्तार के कारण हुआ था। इसलिए उन्होंने आरोपित कार चालक और इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ केस दायर किया। हालांकि कार चालक और कंपनी ने याचिका का विरोध किया था, लेकिन दोनों पक्षों को सुनने के बाद ट्रिब्यूनल ने पीड़ित परिवार को 35.91 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने का फैसला सुनाया।