चंडीगढ़ के नदी-नालों में बढ़ रहा प्रदूषण, लोगों के स्वास्थ्य पर संकट, लोकसभा में उठा मुद्दा
चंडीगढ़ के नदी-नालों में बढ़ते प्रदूषण का मुद्दा लोकसभा में उठा। सांसद मनीष तिवारी ने एन चौ, सुखना चौ और पटियाला की राव में प्रदूषण पर सवाल उठाए। एनजीटी ने एन चौ की निगरानी के आदेश दिए हैं। शहर के शोधन संयंत्रों से आंकड़े नहीं भेजे जा रहे हैं। निरीक्षण में सीवेज रिसाव और कूड़ा पाया गया। सांसद ने सरकार से सीवेज प्रबंधन और पुनर्जीवन योजनाओं पर सवाल किए।

सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में उठाया मुद्दा।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ समेत ट्राईसिटी के नदी-नालों में बढ़ रहे प्रदूषण, दूषित जल और इससे लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहे असर का मुद्दा लोकसभा में उठा। सांसद मनीष तिवारी ने एन चौ, सुखना चौ और पटियाला की राव में हो रहे प्रदूषण पर सवाल उठाए। इस पर केंद्रीय पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने लिखित उत्तर में बताया कि सभी बिंदुओं पर विस्तृत विवरण सदन की मेज़ पर रखा गया है।
सांसद ने बताया कि एन चौ सेक्टर 2 से आरंभ होकर कई क्षेत्रों से गुजरता है और लगभग 12.5 किलोमीटर बहने के बाद पंजाब के मोहाली जिले में प्रवेश करता है। इस धारा की देखरेख और गंदे पानी के प्रबंधन की जिम्मेदारी नगर निगम चंडीगढ़ पर है।
वर्ष 2023 में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने स्वयं संज्ञान लेते हुए एन चौ में बढ़ते प्रदूषण को लेकर मामला दर्ज किया था। एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि चंडीगढ़ क्षेत्र में एन–चौ की निरंतर निगरानी आवश्यक है और नगर निगम यह सुनिश्चित करे कि धारा में किसी भी प्रकार का गंदा पानी न छोड़ा जाए।
प्रदूषण नियंत्रण समिति की ओर से बताया गया कि पिछले एक वर्ष में कई बार धारा में गंदे पानी का बहाव पाया गया। पिछले तीन वर्षों में धारा को पुनर्जीवित करने के लिए किसी प्रकार का विशेष प्रस्ताव नहीं बनाया गया। नगर में कुल आठ शोधन संयंत्र हैं जिनकी क्षमता 253.5 लाख लीटर प्रतिदिन है।
इनमें से केवल दो संयंत्र ही अपने आंकड़े केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण को भेज रहे हैं, जबकि छह संयंत्रों से कोई आंकड़ा नहीं पहुंच रहा। समिति ने नगर निगम को तुरंत सभी संयंत्रों को आंकड़ा–प्रेषण प्रणाली से जोड़ने का निर्देश दिया है। सांसद मनीष तिवारी को सुखना चौ और पटियाला की राव की स्थिति पर भी पूरक प्रश्न पूछने थे, परंतु सदन में व्यवधान के कारण वे प्रस्तुत नहीं हो सके।
सांसद ने सरकार से पूछे से सवाल
- क्या एन चौ में लगातार गंदे पानी का बहाव जारी है जिससे पर्यावरण को भारी क्षति हो रही है?
- क्या राष्ट्रीय हरित अधिकरण या चंडीगढ़ प्रदूषण नियंत्रण समिति ने नगर निगम को अधिक प्रदूषण स्तर और ऊंचे जीवाणु स्तर पर कोई निर्देश दिए हैं?
- क्या दीर्घकालिक सीवेज प्रबंधन तथा वर्षा–जल निकासी सुधार योजना लागू की गई है?
- क्या प्राकृतिक धाराओं के पुनर्जीवन के लिए कोई ठोस योजना तैयार की गई है?
- क्या बार–बार होने वाले पर्यावरणीय उल्लंघनों पर जिम्मेदारी तय की गई है?
- निरीक्षण में सामने आए तथ्य
- सेक्टर 36 के पास टूटी सीवेज पाइप से लगातार गंदे पानी का रिसाव पाया गया, जिसे बाद में ठीक किया गया।
- सड़क किनारे से कूड़ा सीधे धारा में फेंका जा रहा था।
- प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण ने नगर निगम को निर्देश दिए कि—
- गंदे पानी या ताज़े पानी के किसी भी प्रकार के बहाव या रिसाव को तुरंत रोका जाए।
- सड़क किनारे से कचरा धारा में जाने से रोकने के लिए लोहे की जाली लगाई जाए।

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