आयुर्वेदिक इलाज के नाम पर ठगी, रिटायर्ड बैंककर्मी ने हरिद्वार में इलाज के लिए किया फोन, महंगी पड़ी एडवांस बुकिंग
चंडीगढ़ के रिटायर्ड बैंक कर्मी को योग गुरु बाबा रामदेव के हरिद्वार स्थित पताजंलि योगपीठ में इलाज करवाने के लिए एडवांस बुकिंग करवाना महंगा साबित हुआ। आंख का इलाज करवाने के लिए वह हरिद्वार जाना चाहते थे ।
कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़। आनलाइन फ्राड के नए नए तरीके अपना कर शातिर लोगों को ठग रहे हैं। चंडीगढ़ के रिटायर्ड बैंक कर्मी के साथ योग गुरु बाबा रामदेव के नाम पर ठगी हुई है। हरिद्वार स्थित बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के पतंजलि योगपीठ के हेड आफिस में रिटायर्ड बैंक कर्मी ने फोन किया था, लेकिन वह फोन योगपीठ हेड आफिस के नंबर पर लगने के बजाय साइबर क्रिमिनल के नंबर पर लग गया, जिसने घनश्याम दास को 33 हजार 600 रुपये की चपत लगा दी।
चंडीगढ़ के धनास में रहने वाले एसबीआइ से रिटायर्ड 72 वर्षीय घनश्याम दास ने गूगल से पतंजलि योगपीठ का नंबर सर्च कर उसपर काल किया था। पतांजलि योगपीठ में आंख की समस्या का इलाज करवाने के लिए बुकिंग करनी थी। शातिर ने रोजाना कमरा बुकिंग के नाम पर दो बार में 33 हजार 600 रुपये अपने बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर लिया है।
शिकायतकर्ता 72 वर्षीय घनश्याम दास ने 14 अगस्त 2022 को गूगल से हरिद्वार स्थित योगपीठ मुख्यालय का नंबर लेकर संपर्क कर इलाज की बातचीत कर बुकिंग करवाने की इच्छा जताई। इस पर काल रिसीव करने वाले ने कहा कि प्रतिदिन इलाज और कमरे की बुकिंग अमाउंट छह हजार रुपये होगा। इस पर शिकायतकर्ता ने सहमति जाहिर कर बुकिंग करने को कर दिया।
15 फीसद की छूट के बहाने फंसाया
शिकायतकर्ता ने बताया कि शातिर ने कहा अगर आपको तुरंत बुकिंग करवाने पर पतंजलि की तरफ से 15 फीसद छूट मिलेगी। इस घनश्याम दास बुकिंग अमाउंट के तौर पर 20 हजार रुपये अपने बेटे से आनलाइन ट्रांसफर करवा दिए। शेष राशि हरिद्वार आने पर जमा करने की बात कह ठग ने दूसरे ही दिन काल कर पूरे पैसे जमा करवाने की बात कह 13 हजार 600 रुपये भी ट्रांसफर करवा लिए। तीसरे दिन गेट पास के तौर पर 10 हजार जमा करने के लिए काल किया तो घनश्याम को शक हुआ, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को शिकायत दी।
पत्र में रामदेव व बालकृष्ण की तस्वीर, रसीद पर मुहर लगी
पतंजलि की साइट हैक कर ठगी करने वाले साइबर क्रिमिनल ने वाट्सएप पर इलाज के लिए जमा पैसे की रसीद भी भेजी, जिसपर बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की तस्वीर लगी थी। इसके साथ आचार्य और महामंत्री के फर्जी हस्ताक्षर भी हैं। यूनियन बैंक के अकाउंट नंबर, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड पर मुहर भी लगी है।