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    चंडीगढ़ निवासी ने स्नैपडील से मंगवाया कैमरा, कंपनी ने भेज दिया डुप्लीकेट प्रोडक्ट, अब भरना होगा हर्जाना

    By Ankesh ThakurEdited By:
    Updated: Sat, 12 Jun 2021 01:30 PM (IST)

    डीगढ़ डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन ने ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट स्नैपडील पर 6 हजार रुपये हर्जाना लगाया है। चंडीगढ़ निवासी ने स्नैपडील से एक कैमरा मंगवाया था लेकिन कंपनी की तरफ से डुप्लीकेट प्रोडक्ट भेज दिया गया। इसके बाद न कंपनी प्रोडक्ट को वापल लिया न ही राशि रिफंड की।

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    चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन स्नैपडील के खिलाफ फैसला सुनाया है।

    चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन ने ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट स्नैपडील पर 6 हजार रुपये हर्जाना लगाया है। कंपनी ने उपभोक्ता को डुप्लीकेट प्रोडक्ट भेज दिया था, जबकि उन्होंने मंगवाया कुछ और था। कमीशन ने मनीमाजरा के राजीव कुमार की शिकायत पर स्नैपडील के खिलाफ ये फैसला सुनाया है।

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    राजीव ने शिकायत में बताया कि उन्होंने 26 जून 2019 को स्नैपडील की वेबसाइट से एसजेकैम एसजे-4000 एक्शन कैमरा ऑर्डर किया था। कैमरे की कीमत 2499 रुपये थी। 29 जून 2019 को कंपनी ने कैमरा उनके एड्रेस पर भेज दिया। लेकिन जब उन्होंने बॉक्स खोला तो पता चला कि जो कैमरा उन्होंने ऑर्डर किया था, वह था ही नहीं। उसकी जगह कोई और कैमरा भेज दिया गया था जोकि चाइनीज था। राजीव ने स्नैपडील के कस्टमर केयर पर कॉल की और उन्हें इस बारे में जानकारी दी। राजीव ने कंपनी से प्रोडक्ट को रिटर्न और रिफंड करने के लिए कहा। उन्होंने इस बारे में कंपनी को ई-मेल भी लिखी थी।

    कुछ दिनों बाद उन्हें कस्टमर केयर से कॉल आई और स्नैपडील के रीप्रेजेंटेटिव ने कहा कि वे प्रोडक्ट को रिटर्न नहीं कर सकते और न ही उन्हें राशि रिफंड कर सकते हैं। क्योंकि कैमरा जिस कंपनी का है उनकी रिटर्न की कोई पॉलिसी ही नहीं है। इस पर राजीव ने स्नैपडील के खिलाफ कंज्यूमर कमीशन में शिकायत दी। स्नैपडील ने कमीशन में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वे अलग-अलग कंपनियो को उनके प्रोडक्ट बेचने के लिए केवल ऑनलाइन मार्केट उपलब्ध करवाते हैं, इसलिए किसी भी प्रोडक्ट के खराब निकलने या रिफंड करने की उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। इसलिए उन्होंने शिकायत को खारिज करने की मांग की। लेकिन कंज्यूमर कमीशन ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद राजीव के हक में फैसला सुनाया। कमीशन ने कंपनी को कैमरे की कीमत रिफंड करने के लिए कहा और साथ ही 6 हजार रुपए हर्जाना और मुकदमा खर्च के तौर पर अदा करने के निर्देश दिए।