चंडीगढ़ में निगम का 200 करोड़ बकाया, प्राॅपर्टी टैक्स डिफाॅल्टरों को एकमुश्त बकाया चुकता करने का मिलेगा मौका
चंडीगढ़ नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स वसूली में रिकॉर्ड बनाया है, जो 81 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। निगम 200 करोड़ रुपये के बकाया टैक्स को वसूलने के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम (ओटीएस) लाने की तैयारी में है। इस स्कीम में डिफाल्टरों को पेनल्टी और ब्याज में छूट मिल सकती है। निगम का लक्ष्य टैक्स वसूली को 100 करोड़ रुपये तक पहुंचाना है।

20 से अधिक डिफाॅल्टरों पर करीब 200 करोड़ रुपये प्रॉपर्टी टैक्स बकाया।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़। नगर निगम ने इस वित्त वर्ष में रिकाॅर्ड प्राॅपर्टी टैक्स जुटाया है। यह आंकड़ा 81 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। निगम इतिहास में यह अभी तक की सबसे बड़ी राशि है। हालांकि प्राॅपर्टी टैक्स कलेक्शन अधिक होने की एक मुख्य वजह टैक्स की दर बढ़ना भी है। अब भी निगम के 20 से अधिक डिफाॅल्टरों पर करीब 200 करोड़ रुपये बकाया हैं।
इनमें सरकारी संस्थानों के साथ निजी कामर्शियल प्राॅपर्टी भी शामिल हैं। अब ऐसे टैक्स डिफाॅल्टरों और विवाद से जुड़े मामलों को निपटाने के लिए निगम वन टाइम सेटलमेंट स्कीम (ओटीएस) लाने की तैयारी में है। शुक्रवार को होने वाली निगम सदन की बैठक में यह प्रस्ताव लाया जा रहा है।
इस स्कीम में ऐसे सभी डिफाॅल्टर करदाता को अपने एरियर क्लीयर करने का मौका दिया जाएगा। निगम स्कीम में कई तरह की छूट दे सकता है। पेनल्टी और ब्याज को घटा सकता है। सदन की मंजूरी मिलने के बाद इसका लाभ मिल सकेगा। निगम का लक्ष्य है कि इस स्कीम से बचा और फंसा टैक्स जुटाया जा सके। प्रापर्टी टैक्स का आंकड़ा बढ़कर 100 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। जो अभी तक रिकाॅर्ड होगा।
दो हजार से अधिक नोटिस भी दिए
नगर निगम ने प्राॅपर्टी टैक्स जमा नहीं करने वाले करदाताओं को नोटिस भी भेजे हैं। 50 हजार रुपये से अधिक के टैक्स डिफाॅल्टरों को प्राॅपर्टी अटैच करने के नोटिस भेजे गए हैं। अब 20से 30 हजार रुपये तक के डिफाॅल्टरों की सूची भी बन रही है। इन्हें भी अटैचमेंट के नोटिस भेजे जाएंगे। साथ ही पानी के कनेक्शन भी काटने के आदेश दिए गए हैं।
20 डिफाॅल्टरों में पीयू, पीजीआइ और गोल्फ क्लब भी शामिल
20 प्रापॅर्टी टैक्स डिफाॅल्टरों में पंजाब यूनिवर्सिटी, पीजीआई, पेक, इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट जैसे सरकारी संस्थान के साथ कामर्शियल कैटेगरी में आईटी पार्क, गोल्फ क्लब और होटल ताज भी शामिल हैं। कामर्शियल कैटेगरी के कई बड़े करदाताओं ने तो निगम के प्राॅपर्टी टैक्स से जुड़े एरियर को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दे रखी है। निगम इनसे प्रापर्टी टैक्स एरियर जुटाने में विफल रहा है।
सख्ती से एरियर भी हो रहा जमा
सख्ती का असर भी दिखने लगा है। निगम ने इस वर्ष 31 अक्टूबर तक तक रिकाॅर्ड 81 करोड़ रुपये टैक्स जुटा लिया है। जबकि पिछले पूरे वर्ष में 59 करोड़ रुपये ही टैक्स जमा हुआ था। अभी इस वित्त वर्ष के पांच महीने शेष हैं।
ऐसे में प्राॅपर्टी टैक्स जमा होने का आंकड़ा 100 करोड़ को पार करने की पूरी संभावना निगम अधिकारी जता रहे हैं। पुराने और बड़े टैक्स डिफाॅल्टरों से भी एरियर वसूला जा रहा है। सबसे बड़े टैक्स डिफाॅल्टरों में से एक पीजीआइ ने 11 करोड़ रुपये निगम को एरियर के रूप में जमा करा दिए हैं। रेलवे ने तीन करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं।
इस वित्त वर्ष में अभी तक रिकार्ड प्राॅपर्टी टैक्स जमा हुआ है। इसे 100 करोड़ तक ले जाने का प्रयास हो रहा है। एरियर विवाद वाले मामले निपटाने के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाए जाने का प्रस्ताव निगम सदन में आएगा। उम्मीद है इस स्कीम से बड़ा राजस्व जुटाया जा सकेगा। -हरप्रीत कौर बबला, मेयर, चंडीगढ़।

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