दाम आसमान पर, फिर भी खूब बिक रही चंडीगढ़ में प्रॉपर्टी, हर माह 740 से ज्यादा का सौदा
चंडीगढ़ में प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ने के बावजूद, इसकी मांग में कमी नहीं आई है। हर माह 740 से अधिक प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त हो रही है। अप्रैल से अक्टूबर तक लगभग 5949 प्रॉपर्टी के सौदे हुए, जिससे प्रशासन को 133 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। रिहायशी प्रॉपर्टी की मांग कमर्शियल प्रॉपर्टी से अधिक है। संपदा विभाग अब हर महीने प्रॉपर्टी की ई-नीलामी करने की योजना बना रहा है।

रिहायशी प्लाॅट्स की मांग ज्यादा। मोहाली-पंचकूला से रेट दोगुने।
राजेश ढल्ल, चंढीगढ़। सिटी ब्यूटीफुल में हर कोई अपना घर बनाना चाहता है। यही वजह है कि दाम आसमान पर होने के बावजूद प्राॅपर्टी की खूब खरीद-फरोख्त हो रही है। हर महीने 740 से ज्यादा प्राॅपर्टी का सौदा हो रहा है।
प्रशासन के रिकाॅर्ड के अनुसार अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक 5949 प्राॅपर्टी का रजिस्ट्रेशन हुआ है। इससे 171 करोड़ रुपये का राजस्व स्टांप ड्यूटी आई। एक अप्रैल से कलेक्टर रेट में इजाफा होने के बावजूद लोगों में कामर्शियल और रेजिडेंशियल प्राॅपर्टी खरीदने का उत्साह है।
पिछले साल इन आठ माह में प्रशासन को 133 करोड़ रुपये का राजस्व स्टांप ड्यूटी से हुआ था। इसके अलावा साढ़े तीन करोड़ रुपये का राजस्व रजिस्ट्रेशन फीस के तौर पर मिला है पिछले साल भी इन छह माह में इतना मिला था।
चंडीगढ़ में पंचकूला और मोहाली के मुकाबले में रेट भी दोगुने हैं। शहर में कामर्शियल के मुकाबले में रिहायशी प्लाॅट्स की मांग सबसे ज्यादा है। कामर्शियल के प्रति क्रेज न होने का कारण लीज होल्ड है जबकि रेजिडेंशियल प्राॅपर्टी फ्री होल्ड है।
हर माह होगी नीलामी
लोगों के उत्साह को देखते हुए अब संपदा विभाग ने भी निर्णय लिया है कि हर माह शहर में प्राॅपर्टी की ई नीलामी करवाई जाएगी। संपदा विभाग ने शहर में खाली पड़े 700 से ज्यादा रिहायशी प्लाॅट्स को नीलाम करने का प्रस्ताव तैयार किया है। यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए प्रशासक गुलाब चंद कटारिया को भेजा गया है। प्रशासक की मंजूरी के बाद संपदा विभाग की ओर से पब्लिक नोटिस जारी किया जाएगा। यह रिहायशी प्लाॅट अलग-अलग साइज और अलग-अलग सेक्टर में होंगे।
किस माह में कितने प्राॅपर्टी का पंजीकरण
- अप्रैल 927
- मई 891
- जून 873
- जुलाई 850
- अगस्त 811
- सितंबर 840
- अक्टूबर 757
- कुल 5949
यह अब तक सबसे महंगी प्राॅपर्टी
वीआईपी एरिया में प्राॅपर्टी की कीमतें ज्यादा है। तीन माह पहले संपदा विभाग ने वीआईपी एरिया सेक्टर-9 में साढ़े आठ कनाल की कोठी की रजिस्ट्री 126 करोड़ रुपये में की है। आज तक इतनी महंगी प्राॅपर्टी का पंजीकरण प्रशासन ने नहीं किया है। इससे प्रशासन ने 6.30 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी चार्ज करके रिकाॅर्ड तोड़ राजस्व इकट्ठा किया है। वहीं, साढ़े चार कनाल की प्राॅपर्टी का कलेक्टर रेट 78 करोड़ रुपये था लेकिन इसका रेट 126 कराेड़ रुपये में तय हुआ।

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