चंडीगढ़ में मनचाही जगह पर घर बनाने का मिलेगा मौका, नीलाम होने वाली प्रॉपर्टी का डेढ़ साल पहले पता चलेगा
चंडीगढ़ में अब लोग अपनी मनपसंद जगह पर घर बना सकेंगे। इस्टेट ऑफिस नीलाम होने वाली प्रॉपर्टी की जानकारी डेढ़ साल पहले देगा। इससे लोगों को योजना बनाने का समय मिलेगा। इस्टेट ऑफिस जल्द ही प्रॉपर्टी की सूची जारी करेगा, जिसमें स्थान और आकार जैसी जानकारी होगी। इस योजना से नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और शहर का विकास बेहतर होगा।

सभी को प्रॉपर्टी खरीदने के बराबर अवससर मिलेगा।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़। कई बार व्यक्ति जहां प्राॅपर्टी खरीदना चाहता है वहां नहीं खरीद पाता मजबूरी में दूसरी जगह ले लेता है। बाद में अगर उस पसंदीदा एरिया में प्राॅपर्टी मिल रही होती है तो बड़ा पछतावा होता है। प्राॅपर्टी नीलामी में सबको बराबर और पसंदीदा प्राॅपर्टी खरीदने का अवसर मिले, इसके लिए डेढ़ वर्ष पहले ही किस संपत्ति की कब नीलामी होगी यह शेड्यूल जारी होगा। पूरी पारदर्शिता रहेगी। चंडीगढ़ इस्टेट ऑफिस ऐसी सभी संपत्ति की सूची तैयार कर रहा है, जिनकी नीलामी होनी है। यह सूची सार्वजनिक की जाएगी।
इससे लोगों को अगले डेढ़ साल में बिकने वाली सभी संपत्तियों की जानकारी रहे और वह अपनी पसंदीदा प्राॅपर्टी को खरीदने की योजना पहले से सोच समझकर बना सकें। डीसी निशांत यादव ने कहा कि पूरी पारदर्शिता और सभी को प्रॉपर्टी खरीदने के बराबर अवससर देने के लिए कम से कम डेढ़ वर्ष का शेड्यूल बनाया जा रहा है। इससे लोगों को कभी मलाल नहीं रहेगा कि वह पसंदीदा एरिया में प्राॅपर्टी खरीदने से वंचित रह गए।
रिज्यूम प्राॅपर्टी के नाम पर नहीं घुमाएंगे अधिकारी
इस्टेट ऑफिस में ब्रांच हेड से रिज्यूम प्राॅपर्टी की सूची मांगी थी। 600 की सूची बनी है। इन्हें सार्वजनिक करेंगे। कैंप लगाकर इनकी सुनवाई करेंगे। फिर जो बचेंगी उनका कब्जा लेंगे। इससे रिज्यूम प्राॅपर्टी के विवाद कम होंगे।
एक महीने में मिलेगा सिंगल ग्रीवांस रिड्रेसल सिस्टम
डीसी निशांत यादव ने कहा कि लोगों को कई बार यह पता नहीं होता समस्या किस विभाग से जुड़ी है। इसलिए वह एक कामन सिंगल ग्रीवांस रिड्रेसल सिस्टम एक महीने में शुरू कर रहे हैं। इस सिस्टम पर एक नोडल अधिकारी होगा जो देखेगा कि मामला किस विभाग से जुड़ा है। उसे वह भेजा जाएगा उसका फालोअप भी होगा। इतना ही नहीं इसमें फीडबैक सिस्टम भी होगा। संबंधित विभाग समस्या हल होने की बात कहता है तो शिकायतकर्ता से फीडबैक से चैक किया जाएगा। इतना ही नहीं लोगों की समस्या और फीडबैक के लिए वह एरिया वाइज कैंप भी लगाएंगे। इससे उस एरिया के लोकल मुद्दे पता चलेंगे।

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