चंडीगढ़ में महंगी होगी बिजली? विभाग ने रेट बढ़ाने का भेजा प्रस्ताव; अगले 5 साल में 982 करोड़ का घाटे का दावा
चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन प्राइवेट लिमिटेड ने बिजली दरों में संशोधन की मांग करते हुए संयुक्त विद्युत नियामक आयोग को याचिका दी है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक के लिए नई टैरिफ दरों को निर्धारित करने का अनुरोध किया है जिससे 982 करोड़ रुपये के राजस्व घाटे का अनुमान है। कंपनी ने बिजली की खपत के स्लैब सिस्टम में बदलाव का भी प्रस्ताव दिया है।

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़। बिजली वितरण कंपनी चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन प्राइवेट लिमिटेड ने बिजली दरों में संशोधन की मांग की है। विभाग का कार्यभार संभालने के लगभग पांच महीने बाद, कंपनी ने संयुक्त विद्युत नियामक आयोग को एक याचिका दायर कर वित्त वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक के लिए कुल राजस्व आवश्यकता और नई टैरिफ दरों को निर्धारित करने की मांग की है।
याचिका में कंपनी ने कहा है कि मौजूदा टैरिफ दरों पर बिजली की बिक्री से होने वाली अनुमानित आय बिजली वितरण प्रणाली के कुशल प्रबंधन के लिए आवश्यक खर्च को पूरा नहीं कर पाएगी। इस वजह से आगामी 5 वर्षों में कुल 982 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा होने का अनुमान है (कैरी फारवर्ड लागत को छोड़कर)।
पांच वर्षों में संभावित घाटा
2025-26: खर्च 1,157 करोड़, आय 1,075 करोड़, घाटा 81 करोड़
2026-27: खर्च 1,265 करोड़, आय 1,125 करोड़, घाटा 140 करोड़
2027-28: खर्च 1,375 करोड़, आय 1,177 करोड़, घाटा 198 करोड़
2028-29: खर्च 1,496 करोड़, आय 1,234 करोड़, घाटा 262 करोड़
2029-30: खर्च 1,596 करोड़, आय 1,295 करोड़, घाटा 301 करोड़
कुल मिलाकर, कंपनी का दावा है कि मौजूदा दरों पर पांच वर्षों में 982 करोड़ का घाटा हो सकता है। इस घाटे की भरपाई के लिए, सीपीडीएल ने जेइआरसी से टैरिफ में संशोधन को मंजूरी देने की अपील की है।
स्लैब सिस्टम में भी बदलाव
कंपनी ने बिजली की खपत की स्लैब प्रणाली में भी बदलाव किया है। अब तक जहां तीन स्लैब थे। 0–150 यूनिट, 151–400 यूनिट, और 400 यूनिट से ऊपर, अब उन्हें बदलकर हर 100 यूनिट पर आधारित पांच स्लैब बना दिए गए हैं।
बिल में संभावित बढ़ोतरी
बिजली कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार, अगर कोई उपभोक्ता एक महीने में 500 यूनिट बिजली की खपत करता है, तो उसका बिल लगभग 166 बढ़ सकता है। वर्तमान में यह बिल लगभग 2,182 आता है, जो कि नए प्रस्ताव के अनुसार 2,348 हो जाएगा।
सार्वजनिक सुनवाई 25 जुलाई को
इस बहुवर्षीय टैरिफ योजना पर अब 25 जुलाई को जेइआरसी द्वारा एक सार्वजनिक सुनवाई आयोजित की जाएगी, जिसमें उपभोक्ताओं की राय भी ली जाएगी।
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