हरियाणा में बुढ़ापा पेंशन 3 हजार तो चंडीगढ़ में एक हजार क्यों? सांसद तिवारी के सवाल पर पढ़ें केंद्र सरकार का जवाब
सांसद तिवारी ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि हरियाणा में बुढ़ापा पेंशन तीन हजार रुपये है तो चंडीगढ़ में केवल एक हजार रुपये क्यों है।तिवारी ने मांग की ...और पढ़ें

संसद में चंडीगढ़ में बुढ़ापा पेंशन के मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए सांसद मनीष तिवारी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ से सांसद मंत्री मनीष तिवारी ने संसद में केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में मिलने वाली बहुत कम बुढ़ापा पेंशन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों की तुलना में चंडीगढ़ में बुजुर्गों को बहुत कम पेंशन दी जा रही है।
सांसद तिवारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने उनके एक प्रश्न के उत्तर में कहा था कि चंडीगढ़ में वृद्धावस्था पेंशन 1000 रुपये प्रति माह मिलती है। तिवारी ने खुलासा किया कि चंडीगढ़ की तुलना में पंजाब में 1500–2000 रुपये और हरियाणा में तीन हजार रुपये प्रति माह बुढ़ापा पेंशन दी जाती है।
उन्होंने यह भी कहा कि चंडीगढ़ में दी जाने वाली बुढ़ापा पेंशन की राशि वर्ष 2016 के बाद से संशोधित नहीं की गई है। तिवारी ने मांग की कि चंडीगढ़ में बुढ़ापा पेंशन बढ़ाकर 3000 रुपये प्रति माह की जाए। साथ ही उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं।
सांसद तिवारी के प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के राज्य मंत्री बीएन वर्मा ने चंडीगढ़ प्रशासन पर जिम्मेदारी डालते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से 60 से 79 वर्ष आयु वर्ग के लिए 200 रुपये प्रति माह और 80 वर्ष से अधिक आयु वालों के लिए 500 रुपये प्रति माह बुढ़ापा पेंशन दी जाती है, जबकि शेष राशि राज्य सरकारें अपनी ओर से जोड़ती हैं। हालांकि, इस दौरान उन्होंने इस मामले को ग्रामीण विकास मंत्रालय से जुड़ा हुआ भी बताया।

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