पंजाब में माधोपुर हेडवर्क्स के तीन गेट कैसे टूटे? अकाली दल ने इसे बताया बड़ी लापरवाही, न्यायिक जांच की रखी मांग
शिरोमणि अकाली दल ने माधोपुर हेडवर्क्स के गेट टूटने की घटना की न्यायिक जांच की मांग की है। दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि गेट टूटने से माझा में बाढ़ आई जिसमें कई लोगों की जान गई और फसलें बर्बाद हो गईं। उन्होंने सरकार से लापरवाही के लिए जवाबदेही तय करने और एमबीबीएस छात्रों के लिए 20 लाख रुपये की जमानत राशि की नीति को वापस लेने की मांग रखी।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल ने माधोपुर हेडवर्क्स के तीन गेट टूट कर बह जाने वाली घटना के मामले में न्यायिक जांच की मांग की है। शिअद नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि गेट टूटने के कारण माझा में बाढ़ के पानी ने तबाही मचाई। 56 लोगों की मौत हुई, हजारों पशु मरे और लाखों एकड़ फसल तबाह हो गई।
गेट टूटने के बाद जल स्रोत मंत्री बरिंदर गोयल ने लेवल 9 बिज प्राइवेट लिमिटेड को गलत रिपोर्ट पेश करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था। कंपनी ने अपने जवाब में स्पष्ट कर दिया है कि उनका काम पानी के डाटा का आकलन करना था, न की हेडवर्क्स के ढांचे की मजबूती को जांचना। चीमा ने कहा, ‘कंपनी के जवाब से स्पष्ट हो गया हैं कि बाढ़ कोई प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि आपराधिक घटना थी।’
अकाली नेता ने कहा कि गेटों की जांच नहीं की गई। ग्रीसिंग तक नहीं की गई और जब गेट खोलने की जरूरत महसूस हुई तो तीन गेट टूट गए। एक कर्मचारी की जान चली गई।
पंजाब में सबसे बड़ी तबाही इसी कारण हुई- चीमा
बाकियों को सेना ने एयर लिफ्ट किया। चीमा ने कहा कि विभाग के चीफ इंजीनियर (डिजाइन) खुद इस बात को लेकर स्पष्ट नहीं हैं कि निजी कंपनी को हैडवर्क्स के ढांचागत जांच का जिम्मा सौंपा गया था या डाटा के आंकलन का। उन्होंने कहा कि इस घटना को हुए 20 दिन का समय बीत चुका है लेकिन सरकार अभी तक किसी की जवाबदेही तय नहीं कर पाई है। इस लापरवाही के कारण सबसे ज्यादा तबाही मची। इसलिए इसकी न्यायिक जांच होनी आवश्यक है।
वरिष्ठ अकाली नेता ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस पाठयक्रमों में दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए 20 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करने की नीति की भी निंदा की जो तय अवधि तक ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में सेवा न करने पर जब्त हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार को तानाशाही और अनैतिक शर्तें लगाने के बजाय काम करने की स्थिति में सुधार करने के अलावा आनुपातिक वेतन देकर पीसीएमएस सेवा को आकर्षक बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वंचित छात्र इस जमानत राशि को जमा नही कर पाएंगें इसीलिए तत्काल इस कदम को वापस लिया जाना चाहिए।
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