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    Chandigarh news बुजुर्ग को पुलिस कार्रवाई का आठ माह से इंतजार, हाईकोर्ट ने अब डीजीपी को दिया दो सप्ताह का समय

    By Ravi Atwal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Sun, 24 Aug 2025 11:07 AM (IST)

    70 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने अपने रिश्तेदारों पर जाली हस्ताक्षर और आधार कार्ड के गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। उसने बताया कि रिश्तेदारों ने जाली वसीयत तैयार कर संपत्ति हथियाने की कोशिश की। हाईकोर्ट ने डीजीपी को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में शिकायत का निपटारा करने का आदेश दिया है। कर्नल की कोठी पर कब्जे के प्रयास में पहले भी एफआइआर दर्ज हो चुकी है।

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    हाईकोर्ट ने डीजीपी को नोटिस जारी करते हुए दो हफ्ते में शिकायत का निपटारा करने के निर्देश दिए हैं।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। 70 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला पिछले आठ महीने से पुलिस की कार्रवाई का इंतजार कर रही थी। आखिर में उसने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटकटाया, जहां से उसे इंसाफ की उम्मीद जगी है।

    बुजुर्ग का कहना है कि कुछ रिश्तेदारों कोठी हथियाने के लिए जाली उसके जाली हस्ताक्षर, आधार कार्ड व फोटो का इस्तेमाल किया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने डीजीपी को नोटिस जारी करते हुए दो हफ्ते में इस शिकायत का निपटारा करने के निर्देश दिए हैं।

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    बुजुर्ग महिला की तरफ से एडवोकेट अरविंदर अरोड़ा और विदुषी शर्मा ने याचिका दायर की। उन्होंने बताया कि 31 दिसंबर 2024 को 70 वर्षीय सावित्री सारंग ने पुलिस हेड क्वार्टर में एक शिकायत दी थी। बुजुर्ग का कहना था कि उनके ससुर कर्नल प्यारा सिंह की जनवरी 2018 में मौत हो गई थी।

    उनकी सेक्टर-27 में एक कोठी है जिसे हथियाने के लिए उनके कुछ रिश्तेदारों ने एक जाली वसीयत तैयार की और इस्टेट आफिस में ट्रांसफर के लिए अप्लाई कर दिया था।

    सावित्री ने आरोप लगाए कि उन्हें पता चला कि उस नकली ट्रांसफर डीड में उनके भी जाली हस्ताक्षर किए गए थे। इतना ही नहीं उनके आधार कार्ड और फोटो का भी इस्तेमाल किया गया था। जब उन्हें पता चला तो उन्होंने पुलिस को इस बारे में शिकायत दी, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

    इन रिश्तेदारों पर पहले भी हुई है एफआईआर

    कर्नल की इस कोठी पर कब्जा करने की कोशिश में पहले भी नौ लोगों पर एफआइआर दर्ज हो चुकी है। चंडीगढ़ पुलिस की इकोनामिक आफेंस विंग ने कर्नल की बहू, बेटी, दामाद भतीजी आदि के खिलाफ यह केस दर्ज किया था। यह केस कर्नल के पोते विक्रम देव सारंग की शिकायत पर हुआ था।

    उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके दादा ने इस संपत्ति की वसीयत उनके नाम की थी, लेकिन उनके रिश्तेदारों ने मिलकर जाली वसीयत बना ली थी। बुजुर्ग महिला ने जिन रिश्तेदारों पर जाली हस्ताक्षर करने के आरोप लगाए हैं, उनका नाम भी इस एफआइआर में दर्ज है।