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    Chandigarh News: मान के पास फाइल, सिद्धू की रिहाई पर संशय

    By Jagran NewsEdited By: Nidhi Vinodiya
    Updated: Tue, 24 Jan 2023 11:28 AM (IST)

    नवजोत सिंह सिद्धू सहित पंजाब की जेलों से छोड़े जाने वाले कैदियों की रिहाई पर संशय बरकरार है। दरअसल जेल विभाग ने 51 कैदियों को रिहा करने के लिए सूची तैयार करके मुख्यमंत्री भगवंत मान के पास तो भेज दी है लेकिन उन्होंने फाइल राज्यपाल के पास नहीं भेजी है।

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    मान के पास फाइल, सिद्धू की रिहाई पर संशय

    चंडीगढ़, जागरण संवाददाता :  कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू सहित गणतंत्र दिवस के अवसर पर पंजाब की जेलों से छोड़े जाने वाले कैदियों की रिहाई पर संशय बरकरार है। कारण यह है कि जेल विभाग ने 51 कैदियों को रिहा करने के लिए सूची तैयार करके मुख्यमंत्री भगवंत मान के पास तो भेज दी है लेकिन मान ने अभी तक यह फाइल राज्यपाल के पास नहीं भेजी है। अगर 26 जनवरी को सिद्धू रिहा न हुए तो वह 30 जनवरी को श्रीनगर में खत्म होने वाली राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल नहीं हो पाएंगे। कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें इस यात्रा में शामिल होने का न्यौता दिया था।

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    रोडरेज मामले सिद्धू को में हुई थी एक साल की सजा 

    उल्लेखनीय है कि सिद्धू को 1988 में हुए रोडरेज मामले में एक साल की सजा हुई थी और वह पटियाला जेल में सजा काट रहे हैं। कैदियों की रिहाई के लिए फाइल राज्यपाल के पास न पहुंचने की पुष्टि पंजाब सरकार के एक उच्च अधिकारी ने की है। वहीं उनका यह भी कहना है कि जब स्वतंत्रता दिवस पर राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को कैदियों को सजा में राहत देने संबंधी फाइल भेजी गई थी तो उन्होंने इसे यह कहकर लौटा दिया कि उन्हें हर कैदी की फाइल अलग से कैबिनेट से मंजूर करवाकर भेजी जाए। ताकि उन्हें पता चल सके कि कौन सा कैदी, किस जुर्म में कितनी सजा काट रहा है और जेल में उसका व्यवहार कैसा है। इसके बाद स्वतंत्रता दिवस पर राज्यपाल को ऐसी कई फाइलें कैबिनेट से मंजूर करवाकर भेजी गई थीं।

    मुख्यमंत्री ने कैदियों की रिहाई को लेकर नहीं दिखाई दिलचस्पी

    अधिकारी के अनुसार पिछली कैबिनेट बैठक में कैदियों की रिहाई को लेकर हुई अनौपचारिक चर्चा में यह बात उठी थी कि अगर सिद्धू को रिहा किया तो सिख बंदियों की रिहाई की मांग कर रहे शिरोमिण अकाली दल और एसजीपीसी मुद्दा बनाकर कहेंगे कि सजाएं पूरी कर चुके सिखों को छोड़ने के लिए राज्य सरकार कोई प्रयास नहीं कर रही और सिद्धू को पहले ही छोड़ दिया। सूत्रों के अनुसार इस चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने कैदियों की रिहाई को लेकर अब तक ज्यादा दिसचस्पी नहीं दिखाई।