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    Amritsar News: इस बैंक में बड़ा घोटाला, चेयरमैन निलंबित; बड़े पैमाने पर की धोखाधड़ी

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 08:02 PM (IST)

    पंजाब सरकार ने अमृतसर सेंट्रल कोआपरेटिव बैंक में वित्तीय अनियमितताओं के चलते चेयरमैन अरिंदरबीर सिंह अहलूवालिया को निलंबित कर दिया है। जांच में पता चला कि अहलूवालिया ने अपने पिता की सिफारिश पर अवैध रूप से लोन लिया जो बाद में एनपीए बन गया। बोर्ड पर दोषी कर्मचारियों को बचाने और कार्रवाई में देरी करने के आरोप हैं जिसके चलते उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

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    अमृतसर सेंट्रल कोआपरेटिव बैंक में घोटाला। सांकेतिक फोटो

    इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। अमृतसर सेंट्रल कोआपरेटिव बैंक लिमिटेड में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं, धोखाधड़ी और कुप्रबंधन के खिलाफ पंजाब सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए बैंक के चेयरमैन अरिंदरबीर सिंह अहलूवालिया को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

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    यह कार्रवाई तब हुई जब जांच में सामने आया कि अहलूवालिया ने अपने पिता सतविंदर सिंह वालिया, जो बैंक में असिस्टेंट मैनेजर थे, की सिफारिश पर 2017 में 10 लाख का हाउस बिल्डिंग लोन हासिल किया। यह लोन बैंक की नीतियों का उल्लंघन करते हुए बिना निर्माण सत्यापन के तीन किस्तों में दिया गया।

    सहकारिता विभाग के संयुक्त रजिस्ट्रार जालंधर की रिपोर्ट के मुताबिक जब इसी साल 25 मार्च को पंजाब स्टेट कोआपरेटिव बैंक (पीएससीबी) की टीम ने निर्माण को सत्यापन किया तो पता चला कि गिरवी रखी संपत्ति का कोई अस्तित्व ही नहीं है। लोन खाता अनियमित भुगतानों के कारण एनपीए में चला गया जिसने बैंक की साख पर गंभीर सवाल उठाए।

    नियमों के मुताबिक, अरिंदरबीर के डायरेक्टर बनने (15.12.2021) और चेयरमैन बनने (13.04.2022) के बाद उनके पिता को तुरंत हटाया जाना चाहिए था, लेकिन सतविंदर सिंह ने अवैध रूप से 31 जुलाई 2023 तक नौकरी जारी रखी और इस दौरान ₹32.31 लाख वेतन व भत्तों के रूप में वसूले।

    संयुक्त रजिस्ट्रार, कोआपरेटिव सोसायटीज ने पूरे बोर्ड आफ डायरेक्टर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें उन पर दोषी कर्मचारियों को बचाने, गबन के मामलों में केस दर्ज न करने और अनुशासनात्मक कार्रवाई में जानबूझकर देरी करने का आरोप है। बोर्ड को 15 दिन में जवाब देना होगा वरना और सख्त कार्रवाई हो सकती है।