Updated: Fri, 15 Aug 2025 12:57 PM (IST)
जीरकपुर में रजिस्ट्री रिकॉर्ड में छेड़छाड़ के मामले में हाईकोर्ट ने आरोपियों सुरिंदर सिंह और अनीता की जमानत याचिका खारिज कर दी है। संजीव कुमार की शिकायत पर 2019 में मामला दर्ज हुआ था जिसमें आरोप है कि आरोपियों ने स्टे ऑर्डर के बावजूद गलत तरीके से रजिस्ट्री करवाई और रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
संवाद सहयोगी, जीरकपुर। रजिस्ट्री के रिकार्ड में छेड़छाड़ करने के मामले में जीरकपुर पुलिस ने दो के खिलाफ वर्ष 2019 में मामला दर्ज किया था। इस मामले में दोनों आरोपियों सुरिंदर सिंह व अनीता ने हाई कोर्ट में अपनी जमानत याचिका लगाई थी जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है।
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दोनों पर डेराबस्सी के गांव धर्मगढ़ के रहने वाले संजीव कुमार ने मार्च 2025 में जीरकपुर थाने में मामला दर्ज करवाया था। शिकायतकर्ता ने वर्ष 2019 में जरनैल एनक्लेव फेज-2 पभात में एक मकान खरीदा था जो अनीता देवी निवासी मकान नंबर-11, सेक्टर 32-सी, चंडीगढ़ के नाम पर था।
उसने बताया कि 16 अप्रैल 2019 को उसने इस मकान का बयाना संजीव कुमार से किया था। इस संपत्ति पर पहले से ही 25 सितंबर 2019 को एडिशनल सिविल जज चंडीगढ़ ने तुलसी राम के पक्ष में स्टे आर्डर किया हुआ था। इसके बावजूद 18 अक्टूबर 2019 को इसकी रजिस्ट्री करवाने की अंतिम तारीख 5 अप्रैल 2020 तय की गई थी।
मामला यह था कि पहली पार्टी अदालत के सभी मामलों को निपटाकर रजिस्ट्री करवाने के लिए जिम्मेदार होगी। लापरवाही से मामले को कुछ और ही मोड दे दिया गया। सुरिंदर सिंह ने इस अधूरी संपत्ति के तीन हिस्सों की रजिस्ट्री गलत तरीके से करवाई।
इस रजिस्ट्री में गलत फर्द का उपयोग कर स्टे आर्डर को रिकार्ड से हटा दिया गया और सुरिंदर सिंह के नाम पर संपत्ति दर्ज करवा दी गई। संजीव कुमार ने पुलिस को बताया कि जब उसने उक्त मकान पर जाकर देखा तो वहां ताला लगा हुआ था।
इसके बाद जब रिकॉर्ड रूम से फर्द निकलवाई गई तो उसमें स्टे आर्डर था। स्टे आर्डर होने के बावजूद जीरकपुर तहसील मे रिकार्ड में छेड़छाड़ करते हुए इस प्लांट की रजिस्ट्री सुरेंद्र सिंह के नाम की गई। मामले की पूरी जांच-पड़ताल के बाद जीरकपुर पुलिस ने सुरेंद्र सिंह एवं अनीता देवी के खिलाफ मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
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