चंडीगढ़ निगम में चीफ इंजीनियर की नियुक्ति के प्रयास तेज, अतिरिक्त चार्च होने से ओझा के पास नहीं पर्याप्त समय, पार्षदों में नाराजगी
चंडीगढ़ नगर निगम चीफ इंजीनियर के खाली पद को भरने की तैयारी में है। संजय अरोड़ा को हटाने के बाद, सीबी ओझा अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं, लेकिन व्यस्तता ...और पढ़ें

निगम के चीफ इंजीनियर के रिक्त पद को प्रतिनियुक्ति आधार पर भरने के लिए आवेदन आमंत्रित।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़। नगर निगम के चीफ इंजीनियर के रिक्त पद को प्रतिनियुक्ति आधार पर भरने के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। निगम में तैनात मुख्य अभियंता संजय अरोड़ा को मेयर हरप्रीत कौर बबला और कई पार्षदों की शिकायत के बाद पद से हटा दिया गया था। अरोड़ा के हटने के बाद यह पद खाली हो गया और अब नगर निगम ने इसे प्रतिनियुक्ति से भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
अरोड़ा को हटाए जाने के बाद प्रशासन के चीफ इंजीनियर सीबी ओझा के पास निगम का अतिरिक्त चार्ज है। हालांकि ओझा प्रशासनिक कार्यों में अत्यधिक व्यस्त रहते हैं, जिसके कारण वे नगर निगम को पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे। कई पार्षदों ने उनके नहीं मिलने और फील्ड में उपलब्ध न होने पर नाराज़गी ज़ाहिर की है। इसी कारण नए मुख्य अभियंता की नियुक्ति निगम के लिए प्राथमिकता बन गई है।
जारी अधिसूचना के अनुसार मुख्य अभियंता का एक पद केंद्र, राज्य अथवा स्वायत्त संगठनों के योग्य अधिकारियों से प्रतिनियुक्ति पर भरा जाएगा। आवेदक अपने मूल विभाग में नियमित आधार पर पदधारी हों और अधीनस्थ पद पर न्यूनतम तीन वर्ष का अनुभव आवश्यक है। प्रतिनियुक्ति अवधि प्रारंभिक रूप से एक वर्ष की होगी, जिसे चंडीगढ़ प्रशासन आवश्यकतानुसार बढ़ा सकेगा।
प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने वाले अधिकारियों पर लागू वेतन, भत्ते और सेवा शर्तें प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुसार तय होंगी। मूल विभाग को सतर्कता रिपोर्ट, अनुशासनात्मक मामलों की स्थिति, अखंडता प्रमाणपत्र और पिछले पांच वर्षों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट भेजनी होगी।
निर्धारित प्रपत्र (अनुलग्नक-1 और II) में पूर्ण आवेदन 21 दिनों के भीतर संयुक्त सचिव (एलजी एंड यूटी), कमरा नंबर 117, अतिरिक्त सचिवालय भवन, सेक्टर-9, चंडीगढ़ में जमा करवाने होंगे। आवेदन की सॉफ्ट कॉपी ईमेल पर भी भेजी जा सकती है। निर्धारित समय के बाद प्राप्त आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
चंडीगढ़ प्रशासन के अनुसार नियुक्ति पंजाब नगर निगम अधिनियम 1976 की धारा 71 के प्रावधानों के अंतर्गत होगी, जिसे केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ तक विस्तारित किया गया है।

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