वित्तीय संकट से जूझ रहे चंडीगढ़ नगर निगम को झटका, केंद्र से 1704 करोड़ मिलने की उम्मीदों पर फिरा पानी
चंडीगढ़ नगर निगम को केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता न मिलने से झटका लगा है। चौथे दिल्ली फाइनेंस कमीशन के तहत 1704 करोड़ रुपये की ग्रांट की उम्मीद थी, जो अब नहीं मिलेगी। निगम को अपने राजस्व स्रोत बढ़ाने होंगे। इस वर्ष निगम ने 44.27% अधिक राजस्व जुटाया है और वित्तीय सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। संशोधित बजट में 100 करोड़ मिलने की उम्मीद है।

चंडीगढ़ नगर निगम के कार्यालय का प्रतीकात्मक फोटो।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़। वित्तीय संकट के भंवरजाल में फंसे नगर निगम को केंद्र सरकार ने बड़ा झटका दिया है। नगर निगम की उम्मीदों को उस समय पानी फिर गया जब केंद्र सरकार ने चौथे दिल्ली फाइनेंस कमीशन के तहत ग्रांट देने से इनकार कर दिया। अब नगर निगम को अपने स्तर पर ही राजस्व के स्त्रोत बढ़ाने होंगे। अपनी आय बढ़ाकर आत्मनिर्भर बनना होगा।
विकास कार्यों के लिए फंड खुद ही जुटाना होगा। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि चंडीगढ़ पर इस कमीशन की सिफारिश लागू नहीं होती। चंडीगढ़ इस कमीशन के तहत नहीं आता है। इस वजह से चंडीगढ़ को इसकी सिफारिश के हिसाब से ग्रांट नहीं मिल सकती।
निगम ने चौथे दिल्ली फाइनेंस कमीशन की सिफारिशों के तहत ग्रांट दिए जाने की मांग रखी थी। पिछले कई वर्षाें से यह मांग हो रही थी। दिल्ली में बैठे नेताओं से मिलकर भी स्थानीय नेता इस कमीशन की सिफारिशों लागू करने की मांग कर रहे थे।
चौथे दिल्ली फाइनेंस कमीशन की सिफारिश के तहत चंडीगढ़ को 1704 करोड़ रुपये की ग्रांट मिलनी चाहिए। जबकि चंडीगढ़ को वित्त वर्ष 2025-26 में 625 करोड़ ही ग्रांट में मिले हैं। अब केंद्र की ना के बाद निगम की सभी उम्मीदों पर पानी फिर गया है। अब निगम को इसी ग्रांट से काम चलाना होगा।
अपने राजस्व स्त्रोत बढ़ाने होंगे
निगम ने इस वित्त वर्ष में खर्च कम कर आय के स्त्रोत बढ़ाए हैं। यही वजह है कि वित्त वर्ष में 44.27 प्रतिशत अतिरिक्त राजस्व जुटा लिया है। यह राजस्व की बढ़ोतरी अप्रैल से अक्टूबर 2025 तक की है। वित्त वर्ष 2024 में अप्रैल से अक्टूबर तक निगम ने 210.23 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया था। जबकि 2025 वित्त वर्ष में 254.50 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं।
ग्रांट इन एड पिछले साल इस समयावधि में 487 करोड़ मिले थे। जबकि इस वर्ष 593 करोड़ रुपये मिले हैं। कुल मिलाकर 21.66 प्रतिशत की वृद्धि की है। सालभर में वित्तीय सुधार के बड़े और सख्त निर्णय लेने की वजह से यह संभव हो पाया है।
संशोधित बजट में 100 करोड़ मिलने की संभावना
वित्त वर्ष 2025-26 के संशोधित बजट में विकास कार्यों के लिए 245 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि मांगी है। 100 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद निगम अधिकारी जता रहे हैं। यह राशि शहर में चल रहे निर्माण और सुधार कार्यों को पूरा करने के लिए जरूरी है।
इस बार निगम को प्रशासन से 750 करोड़ रुपये का अनुदान मिलने की संभावना है। इसमें से 593 करोड़ 75 लाख रुपये अप्रैल से अक्टूबर के बीच मिल चुके हैं, जबकि बाकी 156 करोड़ रुपये मार्च 2026 तक मिलने की उम्मीद है। पिछले वर्ष यह राशि 560 करोड़ रुपये थी।
चौथे डीएफसी को मना हो गया है। चंडीगढ़ इसमें नहीं आता यह कहा गया है। निगम में वित्तीय सुधार कर राजस्व बढ़ाने और खर्च कम करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके सुखद परिणाम भी आए हैं। इस वर्ष अभी तक 44 प्रतिशत से अधिक अतिरिक्त राजस्व जुटाया गया है। आने वाले समय में निगम की वित्तीय स्थिति और बेहतर होगी।
अमित कुमार, कमिश्नर, नगर निगम, चंडीगढ़

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