Chandigarh Mayor Election 2024: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए भरी हामी, CJI बोले- याचिका हमें मेल करिए
Chandigarh Mayor Election 2024 चंडीगढ़ मेयर विवाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पार्षदों की तत्काल सुनवाई की याचिका पर विचार करने की सहमति दे दी है। इससे पहले भी आप पार्टी पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी है। भाजपा ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव 2024 में जीत हासिल की और सभी तीन पद बरकरार रखे। इससे कांग्रेस-आप गठबंधन को बड़ा झटका लगा।

पीटीआई, चंडीगढ़। चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर विवाद अभी भी जारी है। आप पार्षद इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट ने पार्षदों की तत्काल सुनवाई की याचिका पर विचार करने की सहमति दे दी है। इससे पहले भी आप पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी है।
वहीं इस मामले का उल्लेख मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मेयर पद के उम्मीदवार पार्षद कुलदीप कुमार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने किया। सिंघवी ने कहा कि रिटर्निंग अधिकारी को बैलेट पेपर में गड़बड़ी करते हुए वीडियो में पकड़ा गया। वहीं पीठ में शामिल न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने याचिका पर कहा कि हम इसे सूचीबद्ध करेंगे, साथ ही इस पर गौर किया जाएगा।
बैलेट पेपर से छेड़छाड़ करने का लगाया था आरोप
बात दें भाजपा ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव 2024 में जीत हासिल की और सभी तीन पद बरकरार रखे। इससे कांग्रेस-आप गठबंधन को बड़ा झटका लगा। चुनाव के बाद आप पार्षदों ने चुनाव अधिकारी पर मतपत्रों से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था।
हाई कोर्ट ने तीन सप्ताह का दिया समय
बुधवार को हाई कोर्ट में हुई सुनवाई में न्यायमूर्ति सुधीर सिंह और न्यायमूर्ति हर्ष बंगर की खंडपीठ ने आम आदमी पार्टी (आप) को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। याचिका में आरोप लगाया था कि मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ की गई थी और एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की थी।
हाई कोर्ट ने डीगढ़ प्रशासन, नगर निगम, पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह और नवनिर्वाचित मेयर मनोज सोनकर सहित अन्य को नोटिस जारी किया और तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा।
मामला 26 फरवरी तक के लिए स्थगित
आप पार्षद कुमार ने अंतरिम राहत से इनकार करने और याचिका को तीन सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील दायर की। हाई कोर्ट में मामला 26 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया। हाई कोर्ट में दायर याचिका के अनुसार आप उम्मीदवार ने एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नए सिरे से चुनाव कराने के निर्देश मांगे हैं।
दोबारा चुनाव करवाने की मांग
याचिका में कहा गया है कि यह इसलिए दायर किया गया क्योंकि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से नहीं हुआ था। साथ ही वोटों की गिनती के दौरान भारी उल्लंघन हुआ, जिसमें मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ की गई और फैसला बीजेपी के पक्ष में सुना दिया गया। साथ ही आप और कांग्रेस गठबंधन की आठ वोट को अवैध घोषित कर दिया गया।
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याचिकाकर्ता ने नव-निर्वाचित मेयर को अपने कार्यों का निर्वहन करने से रोकने के निर्देश भी मांगे हैं क्योंकि चुनाव की पूरी प्रक्रिया धोखाधड़ी से हुई थी। कांग्रेस और आप ने 35 सदस्यीय चंडीगढ़ नगर निगम में अपने गठबंधन की आसान जीत की भविष्यवाणी की थी और इसे लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय विपक्षी गुट के लिए प्रारंभिक परीक्षा के रूप में पेश किया था।
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