चंडीगढ़ में सेक्टर-26 की मंडी की सफाई 24 घंटे-सातों दिन का काम, इसे आउटसोर्स कैसे कर सकते हैं, हाईकोर्ट ने उठाए सवाल
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ की सब्जी मंडी में सफाई व्यवस्था को आउटसोर्स करने पर मंडी बोर्ड से जवाब मांगा है। कोर्ट ने इस बात पर असंतोष जताया कि ...और पढ़ें

कोर्ट ने मंडी में गंदी हालत, अतिक्रमण और टूटे हुए इंफ्रास्ट्रक्चर को देखते हुए खुद से संज्ञान लिया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। सेक्टर 26 में सब्जी मंडी में सफाई का काम प्राइवेट एजेंसियों को आउटसोर्स करने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि यह इतना अहम और 24 घंटे सातों दिन का काम है, इसे कैसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। कोर्ट ने अगली सुनवाई पर इस विषय को लेकर मंडी बोर्ड को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने मंडी में गंदी हालत, अतिक्रमण और टूटे हुए इंफ्रास्ट्रक्चर को देखते हुए खुद से संज्ञान लिया है। मार्केट कमेटी द्वारा सफाई का काम आउटसोर्स करने को लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर जवाब सौंपते हुए मंडी बोर्ड ने बताया कि मंडी में केवल 11 मंजूद पद हैं। सेनिटेशन और सफाई के लिए कोई काडर पोस्ट नहीं है इसीलिए यह कार्य आउटसोर्स किया गया है।
कोर्ट को बताया गया कि इससे पहले नगर निगम 2019 से अगस्त 2023 तक यह कार्य देख रहा था। इसके बाद संसाधनों की कमी का हवाला देते हुए एमसी ने इसके लिए इन्कार कर दिया था। मंडी बोर्ड को इसके लिए अगल से व्यवस्था करनी थी तो आउटसोर्स करने का निर्णय लिया गया। बोर्ड ने कहा कि मंडी में बड़ी मात्रा में कचरा यहां आता है।
मंडी को एक सेनेटरी इंस्पेक्टर की जरूरत थी और इसके लिए आउटसोर्स से नियुक्ति की गई। कोर्ट को बताया गया कि अब एक और इंस्पेक्टर की जरूरत महसूस हुई ताकि बेहतर काम हो सके। इसकी जिम्मेदारी चालान करने की होगी ताकि हालात बेहतर हो सकें।
कोर्ट ने कहा कि आपका अपने घर पर कोई कंट्रोल नहीं है, आप काम में असंतुष्टी होने पर केवल अनुबंध रद्द कर सकते हैं।
सुनवाई के दौरान मंडी बोर्ड ने माना कि हाईकोर्ट के दखल के बाद काम बेहतर हुआ और रोजाना सफाई हो रही है। कोर्ट ने कहा कि सेनेटरी इंस्पेक्टर की पोस्ट आउटसोर्स करने का कारण यह काडर पोस्ट नहीं है, यह पचा पाना मुश्किल है कि कैसे इतना अहम पद आउटसोर्स किया गया।
कोर्ट ने कहा कि यह चौबीस घंटे सातों दिन की जॉब है, यह समझना मुश्किल है कि इतना अहम काम आउटसोर्स कैसे किया जा रहा है। कोर्ट ने मार्केट कमेटी को इस विषय पर अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।

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