हेड काॅन्स्टेबल की रिफ्लेक्टर जैकेट फाड़ी व बाॅडी कैमरा फेंका, यह साबित नहीं कर पाई चंडीगढ़ पुलिस, नाके पर झड़प का आरोपित बरी
चंडीगढ़ की अदालत ने जसदीप सिंह बैंस को पुलिसकर्मियों से झड़प के मामले में बरी कर दिया, क्योंकि पुलिस आरोप साबित करने में विफल रही। सात साल पहले सेक्टर 26 थाने में मामला दर्ज हुआ था। बचाव पक्ष के वकील ने पुलिस की कहानी में विरोधाभास बताए और सुबूतों की कमी की ओर इशारा किया। पुलिस एल्कोमीटर टेस्ट भी नहीं कर पाई जिससे शराब का सेवन साबित होता।

पुलिस अपने आरोप साबित नहीं कर पाई, अदालत ने सुनाया फैसला।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सेक्टर-7 में नाके पर पुलिसकर्मियों से हुई झड़प के मामले में जिला अदालत ने जसदीप सिंह बैंस को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया। सेक्टर 63 निवासी बैंस के खिलाफ सेक्टर 26 थाना पुलिस ने सात साल पहले मामला दर्ज किया था। हालांकि, पुलिस अदालत में अपने आरोप साबित करने में असफल रही।
बैंस की ओर से पैरवी करते हुए एडवोकेट राजेश शर्मा ने कहा कि पुलिस की कहानी में कई विरोधाभास हैं। पुलिस के गवाह अपने बयानों से मुकर गए और न तो फटी हुई रिफ्लेक्टर जैकेट और न ही कथित क्षतिग्रस्त बाॅडी कैमरा अदालत में पेश किया गया। इसके अतिरिक्त पुलिस ने मौके पर आरोपित का एल्कोमीटर टेस्ट भी नहीं किया, जिससे यह साबित नहीं हो सका कि बैंस ने उस समय शराब पी रखी थी।
30 सितंबर 2018 की रात की घटना
यह मामला 30 सितंबर 2018 की रात का है, जब पुलिस का दावा था कि बैंस ने इनोवा गाड़ी में सवार होकर पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की की। उन्होंने हेड काॅन्स्टेबल सतपाल की रिफ्लेक्टर जैकेट फाड़ दी और उनका बाॅडी कैमरा फेंक दिया, जिससे उन्हें चोट आई। इसके बाद सेक्टर-26 थाने में एफआईआर दर्ज की गई।
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