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    चंडीगढ़ के मलोया में थाना प्रभारी पर लगे नाबालिग युवती को हिरासत में रखने के आरोप

    By Vikas_KumarEdited By:
    Updated: Tue, 15 Dec 2020 08:53 AM (IST)

    चंडीगढ़ के मलोया में एक परिवार ने सेक्टर-39 थाना प्रभारी पर शोषण के आरोप लगाए। परिवार का पड़ोसी के साथ झगड़ा चल रहा था। आरोप है कि पड़ोसियों ने उनकी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ की और जब पुलिस को शिकायत दी तो उन्हें ही हिरासत में ले लिया गया।

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    पुलिस थाना प्रभारी पर लगाए गए आरोपों की जांच कर रही है।

    चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ के अधीन आते क्षेत्र मलोया के एक परिवार ने सेक्टर-39 थाना प्रभारी पर शोषण और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं। परिवार ने थाना प्रभारी पर उनकी नाबालिग बच्ची को भी 2 दिन हवालात में रखे जाने के गंभीर आरोप लगाए है।

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    परिवार के सदस्य भोला ने बताया कि वो मलोया में रेहड़ी फड़ी लगा कर परिवार का जीवन यापन कर रहे हैं। वही पर अन्य दुकानदार से रेहड़ी फड़ी लगाने को लेकर मनमुटाव चल रहा था, उनके परिवार को तंग करने के लिए उनके खिलाफ षड्यंत्र रच कई शिकायतें बार-बार दी जाती रही हैं। अति तो तब हो गई जब गरीब और असहाय समझ उनकी एक नाबालिग लड़की को छेड़ा गया और छेड़ने वाले परिवार पहले से योजनाबद्ध तरीके से परिवार की रिकॉर्डिंग कर परिवार की हर गतिविधि पर काम कर रहा था। जिससे वह अपनी आवाज न उठा सके। 

    आरोप है कि जब सेक्टर-39 थाना प्रभारी अमनजोत सिंह को मामले की जानकारी दी गई तो उन्होंने उल्टा उनके परिवार हवालात में बंद कर दिया। उनकी नाबालिग बच्ची को भी बंद कर दिया गया। जबकि कानूनन नाबालिग बच्चे को किसी भी सूरत में हवालात में नहीं रखा जा सकता। शिकायकर्ता परिवार ने कहा कि थाना प्रभारी अमनजोत सिंह ने अपनी पावर का नाजायज फायदा उठाते हुए उनकी शिकायत को नजरअंदाज किया और आरोपित परिवार को लाभ पहुंचाने की कोशिश की।

    वहीं नाबालिग बच्ची ने बताया कि उस दिन की वीडियो में साफ देखा जा सकता है की परिवार अपने रोजमर्रा के काम कर रहा है। उस दिन भी इस पूरे झगड़े में उन्होंने बीच-बचाव करने की कोशिश की। परंतु जब पिता भोला को मालूम हुआ कि उनकी बेटी को छेड़ा गया है, तो उसने इसकी शिकायत दी। उन्होंने बताया कि अपनी शिकायत को लेकर उन्होंने डीएसपी साउथ, एसडीएम साउथ और डीजीपी तक को गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि उन्होंने देश के प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और चंडीगढ़ प्रशासन के आलाधिकारियों को पत्र लिख कर इंसाफ की मांग की है।

    मेडिकल जांच के समय लड़की ने अपनी उम्र 18 वर्ष बताई थी। थाना प्रभारी पर लगाए गए आरोपों की जांच की जा रही है।

    श्रुति अरोड़ा, एएसपी साउथ।

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