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चंडीगढ़ में लॉकडाउन के डर ने बढ़ाई बैचेनी, ट्रेन की टिकट के लिए मारामारी

चंडीगढ़ व अंबाला से यूपी व बिहार जाने वाली ट्रेनों में सीटें फुल हो गई हैं। बावजूद इसके रिजर्वेशन टिकट काउंटर पर लगातार लोगों की भीड़ बढ़ रही है। लोगों को डर है कि वह पिछले साल की तरह फंस जाएंगे इसलिए समय रहते वह अपने घर पहुंचना चाहते हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 03:42 PM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 03:42 PM (IST)
चंडीगढ़ में लॉकडाउन के डर ने बढ़ाई बैचेनी, ट्रेन की टिकट के लिए मारामारी
ट्राई सिटी में यूपी और बिहार के लगभग पांच लाख लोग रहते हैं। जागरण

चंडीगढ़, जेएनएन। कई राज्यों में लॉकडाउन लगने की घोषणा के बाद अब लोगों ने अपने घर वापस लौटना शुरू कर दिया है। इस वजह से चंडीगढ़ व अंबाला से यूपी व बिहार जाने वाली ट्रेनों में सीटें फुल हो गई हैं। बावजूद इसके रिजर्वेशन टिकट काउंटर पर लगातार लोगों की भीड़ बढ़ रही है। लोगों को डर है कि वह पिछले साल की तरह फंस जाएंगे, इसलिए समय रहते वह अपने घर पहुंचना चाहते हैं। इधर, कुछ लोग बिगड़े हालात में सफर करने से भी बच रहे हैं। यूपी, बिहार के पांच लाख से ज्यादा लोग ट्राईसिटी में रहते हैं, जबकि इन राज्यों के लिए मात्र तीन ट्रेनें चल रही हैं। इनमें चंडीगढ़ -लखनऊ एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन, चंडीगढ़ -लखनऊन सुपरफास्ट फेस्टिवल ट्रेन और पाटलीपुत्र स्पेशल फेस्टिवल ट्रेन शामिल हैं। इन सभी ट्रेनों में थर्ड एसी और स्पीलर में 30 अप्रैल तक टिकट उपलब्ध नहीं है।

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मुझे लखनऊ जाना है और मेरे पास 26 तारीख की कंफर्म टिकट है, बावजूद इसके मैं इस टिकट को रद करवाकर 22 अप्रैल को ही घर वापस लौटना चाहता हूं। पिछले साल ट्रेनें बंद होने की वजह से मैं फंस गया था। अब हालात दोबारा वैसे बन रहे हैं। इस बार मैं समय रहते घर पहुंचना चाहता हूं।

-अवधेश कुमार तिवारी, लखनऊ

मुझे 30 अप्रैल को ऊंचाहार एक्सप्रेस से इलाहाबाद जाना था, लेकिन कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिस वजह से मुझे परिवार के साथ ट्रेन में इतना लंबा सफर करना सुरक्षित नहीं लग रहा है। इसलिए मैं अपनी टिकट रद करवाने के लिए आया हूं। 

-मुकेश, यात्री, इलाहाबाद

मुझे परिवार के साथ 23 अप्रैल को झारखंड के टाटानगर जाना था, मेरी टिकट भी कंफर्म है, लेकिन अब मैं अकेले जाना चाहता हूं। रिजर्वेशन काउंटर पर इतनी भीड़ है कि सुबह -सुबह 8 बजे से लाइन में लगा हूं और दोपहर का एक बज गया है लेकिन मेरा नंबर अभी तक नहीं आया है। 

-अमर कुमार, यात्री, टाटानगर

घर में बहुत जरूरी काम है, और मुझे 23 अप्रैल को उन्नाव जाना है, लेकिन दिक्कत यह है कि किसी भी ट्रेन में टिकट नहीं है। ऐसे में अब समझ नहीं आ रहा है कि इतना लंबा सफर मैं कैसे तय करूं। 

-राम चंद्र, यात्री, उन्नाव


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