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    Khelo India Youth Games: पिता गली-गली रेहड़ी पर बेचते हैं कपड़े, बेटे ने जूडो में जीता ब्रांज, सेना में जाना चाहते हैं फरदीन

    By Ankesh ThakurEdited By:
    Updated: Sun, 12 Jun 2022 01:54 PM (IST)

    पंचकूला सेक्टर-3 स्थित ताऊ देवी लाल स्टेडियम में चल रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 में चंडीगढ़ के जूडो खिलाड़ी फरदीन ने 73 किलो भार वर्ग श्रेणी में कांस्य पदक जीता है। फरदीन के पिता गली गली जाकर कपड़े बेचते हैं।

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    मेडल जीतने के बाद अपने कोच के साथ फरदीन।

    वैभव शर्मा, चंडीगढ़। खेलो इंडिया यूथ गेम्स में देश भर के खिलाड़ी पहुंचे हुए हैं। ये खिलाड़ी अपने खेल प्रदर्शन की बदौलत अपनी पहचान बना रहे हैं। वहीं चंडीगढ़ के जूडो खिलाड़ी फरदीन ने 73 किलो भार वर्ग कैटेगरी में कांस्य पदक जीता है। फरदीन गरीब परिवार का बेटा है। परिवार की माली हालत ठीक नहीं है बावजूद फरदीन जूडो का बेहतरीन खिलाड़ी है।

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    फरदीन के पिता चंडीगढ़ में गली गली जाकर रेहड़ी पर कपड़े बेचते हैं। मां की मौत हो चुकी है। फरदीन का सपना सेना में जाने का है। कांस्य पदक जीतने पर जहां फरदीन ने इसका श्रेय पिता और कोच को दिया, वहीं अपने पदक का रंग न बदल पाने का मलाल भी रहा। कांस्य पदक जीतने के बाद फरदीन ने कहा कि सेना में जाना उनका पहला सपना है और सेना में रहते हुए देश के लिए मेडल जीतना चाहता है। फरीदन की उम्र मजह 17 साल है और वह डड्डूमाजरा में पिता के साथ रहता है। फरदीन सरकारी स्कूल में 12वीं में पढ़ता है।

    आर्थिक तंगी को मात देकर जीते मेडल

    फरदीन ने बताया कि उनके पिता की आय इतनी नहीं है कि वह खेल और डाइट का खर्च निकाल सके। फरदीन कोच विवेक ठाकुर के पास ट्रेनिंग लेता है और कोच ने फरदीन को जूडो किट दी थी। डाइट को लेकर फरदीन ने कहा कि वह डाइट से ज्यादा अपने खेल पर फोकस कर रहे हैं क्योंकि मेडल उसी से आएगा।

    स्कूल में जूडो के लिए हुआ चयन, वहीं से शुरू हुआ सफर

    फरदीन ने बताया कि वह शुरू से ही रनिंग करते था, क्योंकि उन्हें आर्मी में जाना था। एक दिन उसके स्कूल में जूडो के सेलेक्शन के लिए कोच विवेक ठाकुर आए तो स्कूल टीचर विशाल ने फरदीन को जूडो खेलने के लिए आगे कर दिया। वहीं से जूडो का सफर हुआ।

    पहले टूर्नामेंट में ही जीता स्वर्ण

    फरदीन ने साल 2019 में स्टेट लेवल की जूडो प्रतियोगिता में भाग लिया। यह फरदीन का पहला बड़ा टूर्नामेंट था और पहले ही टूर्नामेंट में ही फरदीन ने स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद फरदीन का चयन नेशनल प्रतियोगिता के लिए हुआ था। यह प्रतियोगिता मणिपुर में हुई थी लेकिन इसमें वह पदक नहीं जीत पाया था। इसके बाद थोड़ा मनोबल टूटा लेकिन कोच ने उन्हें प्रेरित किया।

    चंडीगढ़ 11 मेडल के साथ 14वें स्थान पर काबिज

    चंडीगढ़ में अभी तक पदक तालिका में 14वें स्थान पर है। चंडीगढ़ के खिलाड़ियों ने अब तक कुल 11 पदक जीते हैं। इनमें तीन स्वर्ण और तीन रजत के साथ पांच कांस्य पदक हैं। अभी बाक्सिंग में भी चंडीगढ़ में कई खिलाड़ी मेडल के लिए मुकाबला करेंगे।