शेयर वाइज प्राॅपर्टी की बिक्री पर रोक हटाने समेत चंडीगढ़ के पांच मुद्दे लोकसभा में उठे, 12 को गृह मंत्रालय की बैठक से उम्मीद
सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में चंडीगढ़ के पांच लंबित मुद्दों को उठाया, जिनमें प्रॉपर्टी की बिक्री पर रोक, पुनर्वास कालोनियों में मालिकाना हक और लाल ड ...और पढ़ें

सांसद मनीष तिवारी ने चंडीगढ़ के अहम मुद्दों को लोकसभा में उठाया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। शहर के वर्षों से लंबित पांच अहम मुद्दे एक बार फिर लोकसभा में उठे। सांसद मनीष तिवारी ने इन मुद्दों को लोकसभा में उठाया है। इन मुद्दों पर गृह मंत्रालय भी 12 दिसंबर को बैठक करने जा रहा है। सांसद ने केंद्र सरकार से 12 दिसंबर की संभावित बैठक में इन मुद्दों का समाधान निकालने की अपील की।
इन मुद्दों पर प्रशासन की ओर से डिटेल रिपोर्ट केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय को भेज दी है। सांसद ने संसद में कहा कि चंडीगढ़ एक केंद्र शासित प्रदेश है और सीधे तौर पर केंद्र सरकार के अधीन आता है। चंडीगढ़ में कुछ ऐसे महत्वपूर्ण लोगों से जुड़े संबंधी मुद्दे हैं, जो लगभग 25 वर्षों से लंबित हैं और आज वे इस सदन के माध्यम से सामने लाना चाहते हैं।
ये हैं चंडीगढ़ के पांच अहम मुद्दे
- शेयर वाइज प्राॅपर्टी की बिक्री पर अनुचित तरीके से रोक लगी रोक लगी हुई है।
- पुनर्वास काॅलोनियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक देने का मामला भी अटका हुआ है।
- चंडीगढ़ को 22 गांवों की जमीन पर बसाया गया था, लेकिन वर्षों से लाल डोरा की समस्या बनी है।
- हाउसिंग बोर्ड के मकानों में जरूरत के अनुसार बदलाव को मंजूरी नहीं दी जा रही है।
- को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी और ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी से जुड़े मामले भी अटके हुए हैं।
हर दल अपने घोषणपत्र में शामिल करता है ये मुद्दे
वर्षों से लंबित इन मुद्दों को चुनाव के समय में हर राजनीतिक दल अपने घोषणा पत्र में शामिल करता है। सांसद इससे पहले भी लोकसभा में इन मुद्दों को उठा चुके हैं। इन मुद्दों के सुलझने से शहरवासियों को राहत मिलेगी और प्रशासन को भी अतिरिक्त राजस्व इकट्ठा होगा।
गृह मंत्रालय ने 24 घंटे के भीतर मांगी थी रिपोर्ट
यह सभी वही मुद्दे हैं जिनपर पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तत्कालीन मुख्य सचिव से जवाब तलब करते हुए 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी थी। इन मुद्दों से शहर के छह लाख से ज्यादा लोग प्रभावित है। प्रशासन के अनुसार अगर गृह मंत्रालय से इन मुद्दों को सुलझाने के लिए हरी झंडी मिल जाती है तो इससे लोगों को काफी बड़ी राहत मिल जाएगी।
लीज होल्ड इंडस्ट्रियल ओर कामर्शियल प्रॉपर्टी का फ्री होल्ड करने की मांग लंबे समय से व्यापारी और उद्योगपति कर रहे हैं। शहर में फ्लोर के अनुसार प्राॅपर्टी का पंजीकरण ढ़ाई साल से बंद है। इससे प्रशासन को स्टांप ड्यूटी के तौर पर मिलने वाली 60 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो चुका हैं।
गांवों के लाल डोरे के बाहर बने निर्माण को नियमित करने का मामला भी वर्षों से लंबित है। शहर में 22 गांव हैं। प्रशासन लाल डोरे के बाहर निर्माण को वाॅयलेशन मानता है, जबकि 68 हजार हाउसिंग बोर्ड के मकानों में रहने वाले लोग शत प्रतिशत एरिया कवर करने के निर्माण को रेगुलर करने की मांग कर रहे हैं।

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